100 ईवी चलेंगी
अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने बताया कि अभी 600 से अधिक डोर टू डोर कचरा कलेक्शन वाहनों में 340 सीएनजी और बाकी डीजल से चलते हैं। 100 डीजल वाहनों की जगह ईवी चलाने से हर साल करीब 288 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। इससे ध्वनि प्रदूषण भी कम होगा। ईवी चलाने के लिए निगम ने मास्टर प्लान तैयार किया है। इसके तहत पहले चरण में शहर के मध्य क्षेत्रों में ईवी का संचालन किया जाएगा। दरअसल, कचरा कलेक्शन वाहन निगम ने 2015-16 में खरीदे थे। इनमें से कई वाहन खटारा हो गए हैं। मेंटेनेंस न होने के चलते काला धुआं छोड़ रहे हैं। कई बार तो गली-मोहल्ले में आधा-अधूरा कचरा इकट्ठा करने के बाद ही खराब हो जाते हैं। इन वाहनों से कचरा कलेक्शन व्यवस्था बिगड़ती है।
अधिकारियों के अनुसार, डीजल गाड़ी पर प्रतिदिन 600 से 700 रुपए तक खर्च आता है। इलेक्ट्रिक गाड़ी का संचालन करने में यह खर्च आधे से भी कम हो जाएगा। अनुमान है कि एक बार चार्ज करने पर ईवी 120 किमी चलेगी। इसमें करीब 23 यूनिट बिजली की खपत होगी, जिससे एक दिन फुल चार्ज करने पर 230 रुपए का खर्च आएगा। एक बार चार्ज करने पर कचरा गाड़ी लगभग दो दिन तक चल सकेगी।
वहीं, महापौर पुष्यमित्र भार्गव का कहना है कि स्वच्छता के साथ वायु शुद्धता में भी बेहतर काम हो। क्लाइमेट के लिए निगम काफी काम कर रहा है। इसी क्रम में यह बड़ा कदम होगा और हर वर्ष 288 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। पहले चरण में 100 ईवी आएंगे।