उन्होंने आपबीती बताते हुए कहा कि जैसे ही वह नीचे की तरफ उतर रहे थे तो ऊपर से गोलियां चलने की आवाजें आने लगी। इस पर वहां भगदड़ मच गई तो उन्होंने किसी से पूछा कि क्या हुआ ? अपनी जान बचाकर भाग रहे लोगों ने बताया कि आतंकवादी हमला हो गया है। सुमित को लगा कि लोग मजाक कर रहे हैं, लेकिन देखते ही देखते घटनास्थल और उसके आसपास सभी जगह पर आर्मी की मूवमेंट शुरू हो गई। कुछ ही देर में सीआरपीएफ ने पूरी जगह को घेर लिया। सभी होटलों में रुके पर्यटकों को खाली करने को कह दिया था।
पहले लगा कम लोग घायल हुए
सुमित ने बताया कि पहले पता चला कि चार-पांच लोग घायल हुए हैं। बाद में खबर आई कि 20 से 25 लोग घायल हुए हैं। रात तक सर्चिंग ऑपरेशन चल रहा था। हर जगह सीआरपीएफ के जवान और आर्मी थी। पर्यटकों को खाली कराया जा रहा है। पहलगाम में जो लोग रुके हैं, उन्हें कॉनवॉय बनाकर निकाला जाएगा। शर्मा ने बताया कि वे तीन दिन पहले पत्नी और दो बच्चों के साथ कश्मीर घूमने गए थे। रिटर्न टिकट 25 अप्रैल का है। महू से परिवार वालों के फोन आ रहे हैं। ये भी पढ़ें:
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पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए सुशील नथानियल का शव बुधवार रात 9.15 बजे वीणा नगर पहुंचा। इससे पहले ही वीणा नगर की हर गली में इंदौर उमड़ पड़ा था। जैसे ही एंबुलेंस का सायरन बजा, हर शस इंदौर को आतंकियों के दिए जम के मातम में डूब गया। हर आंख से दु:ख और गुस्से में आंसू बह रहे थे। ऐसा लग रहा था, जैसे हर आंसू पाकिस्तान से हिसाब मांग रहा था। पाकिस्तान मुर्दाबाद तो कई बार गूंजा। आतंकियों ने सुशील की बेटी पर भी गोली चलाई, जो उनके पांव में लगी है।