यह जानकारी राजा के भाई विपिन रघुवंशी के दावे के आधार पर सामने आई है। मेघालय पुलिस के मुताबिक, सोनम ने अपने प्रेमी कथित प्रेमी राज कुशवाह और तीन अन्य आरोपियों- आकाश राजपूत, विशाल ठाकुर और आनंद कुर्मी के साथ मिलकर 23 मई 2025 को शिलॉन्ग में हनीमून के दौरान राजा की हत्या की साजिश रची और उसे अंजाम दिया।
पुलिस कार्रवाई पूरी होने तक छिपी रहना चाहती थी सोनम
हत्या के बाद सोनम 25 मई को ट्रेन से इंदौर लौटी और 25-26 मई को देवासनाका में किराए के मकान में रुकी। इसके बाद वह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में राज की बहन के घर पहुंची, जहां वह 5 दिन तक रही।
पुलिस कार्रवाई तक यहीं छिपी रहना चाहती थी सोनम
जानकारी के मुताबिक, सोनम और राज ने हत्या के बाद पुलिस से बचने के लिए पूरी तैयारी के साथ योजना बनाई थी। सोनम ने गाजीपुर में राज के रिश्तेदारों के साथ समय बिताया और पुलिस कार्रवाई ठंडी होने तक छिपने का प्लान था। हालांकि, 8 जून को राज के पकड़े जाने के बाद सोनम ने गाजीपुर के एक ढाबे पर अपने परिवार से संपर्क किया और उसी रात पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
बार-बार बयान बदलकर भटका रही सोनम
मेघालय पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने सोनम और अन्य आरोपियों से पूछताछ में कई अहम सबूत जुटाए हैं, जिनमें खून से सनी जैकेट, सोनम का रेनकोट और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स शामिल हैं। सोनम ने पूछताछ में हत्या में अपनी भूमिका कबूल की है, लेकिन बार-बार बयान बदलने की कोशिश भी कर रही है। इस मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। राजा के परिवार ने सभी आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की है, जबकि सोनम के भाई गोविंद ने कहा कि अगर उनकी बहन दोषी है, तो उसे सजा मिलनी चाहिए। यह हत्याकांड न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों पर भी गहरे सवाल उठाता है।