जोशी और आनंद सिंह बहरावत के अलावा इंदौर में डेढ़ वर्ष पहले तक जिला जज रहे भगवती प्रसाद शर्मा, पांच वर्ष पहले एडीजे रहे राजेश कुमार गुप्ता और लगभग आठ वर्ष पहले एडीजे रहे प्रदीप मित्तल के नाम भी भेजे गए हैं। जिला न्यायालय की वर्षों पुरानी पार्किंग की समस्या के समाधान में शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।
धार भोजशाला जैसे मामलों में रखा पक्ष
हिमांशु जोशी मूलत:
इंदौर से हैं। उनके दादा केबी जोशी भी प्रसिद्ध वकील थे। 1998 में देवी अहिल्या विवि से एलएलबी के बाद जोशी ने 2002 में दादा के साथ प्रैक्टिस शुरू की। वे लंबे समय से हाईकोर्ट में केंद्र शासन की ओर से पैरवी कर रहे हैं। धार भोजशाला सहित कई मामलों में उन्होंने केंद्र शासन का पक्ष रखा।
बहरावत लगभग 23 वर्ष से इंदौर में प्रैक्टिस कर रहे हैं। उनके पिता प्रिंसिपल जिला जज रहे हैं। बहरावत के एक भाई देवास में जिला जज हैं, जबकि दूसरे भाई जबलपुर हाईकोर्ट में प्रिंसिपल रजिस्ट्रार हैं। बहरावत ने भोपाल से एलएलबी की डिग्री ली। इंदौर हाईकोर्ट में वे सर्विस, सीविल मेटर सहित सभी मामलों में पैरवी करते हैं।