कैसे भड़की हिंसा?
रात करीब 10:30 बजे विजयी जुलूस जामा मस्जिद रोड से गुजर रहा था, तभी अचानक पथराव शुरू हो गया। इसके बाद मानक चौक, पत्ती बाजार, मार्केट चौक, गफ्फार होटल मार्ग, सब्जी मार्केट समेत कई इलाकों में हिंसा फैल गई। हालात और बिगड़ गए जब उपद्रवियों ने पेट्रोल बम फेंकना शुरू कर दिया, जिससे कई वाहनों और दुकानों में आग लग गई। आगजनी और दहशत का माहौल
भीड़ ने न केवल दुकानों में तोड़फोड़ की, बल्कि घरों और वाहनों को भी निशाना बनाया। कई इलाकों में ठेलागाड़ियां तक जला दी गईं। हालात इतने बिगड़ गए कि दमकल कर्मियों को भी घटनास्थल तक पहुंचने में परेशानी हुई। कई घंटों तक शहर के अलग-अलग इलाकों में आग की लपटें उठती रहीं।
प्रशासन और पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर आशीष सिंह, डीआईजी निमिष अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। विधायक उषा ठाकुर ने भी प्रशासन से तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग की। रात 12:45 बजे क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) को तैनात किया गया, जिसके बाद हालात काबू में आने लगे। स्थिति नियंत्रण में, लेकिन पुलिस अलर्ट पर
पुलिस ने उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इंदौर मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिस बल भी बुलाया गया। कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है और दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर कड़ी नजर
हिंसा के बाद प्रशासन सोशल मीडिया पर भी नजर बनाए हुए है ताकि किसी तरह की अफवाहें न फैलाई जाएं। पुलिस के मुताबिक, कुछ पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग घायल हुए हैं, लेकिन किसी बड़ी जनहानि की सूचना नहीं है।
अधिकारियों की चेतावनी
एडीएम रोशन राय ने कहा कि मोतीमहल, धानमंडी, गोकुलगंज और अन्य संवेदनशील इलाकों में QRT तैनात कर दी गई है। कलेक्टर आशीष सिंह ने दो टूक कहा कि उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।