Jabalpur : फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर शासकीय नौकरी रहे तीन कर्मचारियों और रांझी स्थित लोक सेवा केंद्र के संचालक और कम्प्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। फर्जीवाड़े का खुलासा रांझी एसडीएम की जांच में हुआ है।
Jabalpur : रांझी एसडीएम की जांच में खुलासा लोक सेवा केंद्र के संचालक और कम्प्यूटर ऑपरेटर ने बनाए थे फर्जी प्रमाण-पत्र
Jabalpur : पुलिस ने बताया कि मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कम्पनी के मुख्यालय जबलपुर में पदस्थ मुकेश बर्मन, भोपाल के उप महानिरीक्षक ग्रुप केंद्र में पदस्थ दिलीप कुमार और सूरज सिंह फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे थे। जाति प्रमाण-पत्रों की जांच के लिए दोनों कार्यालयों से एसडीएम रांझी कार्यालय को पत्र भेजे गए थे।
Jabalpur : यह किया फर्जीवाड़ा
Jabalpur : जांच में पता चला कि मुकेश बर्मन ने फॉर्म में स्वयं को रांझी निवासी बताया था। उसकी समग्र आइडी सुहागपुर शहडोल निवासी सोमवती बर्मन के नाम की थी। जबकि अंकसूची भोपाल की थी। उसके जबलपुर में रहने के दस्तावेज फाइल में नहीं मिले।
Jabalpur : दिलीप कुमार बर्मन ने फार्म में खुद को जयप्रकाश नगर का निवासी बताया। उसकी समग्र आइडी में दिलीप कोई और व्यक्ति है और वह महर्षि सुदर्शन वार्ड का रहने वाला है। Jabalpur : सूरज सिंह ने फार्म में खुद को खमरिया का बताया। उसकी समग्र आइडी की जांच करने पर पता चला कि उसमें जो सूरज सिंह है, उसकी मौत हो चुकी है। उसकी अंकसूची भिंड की है। तीनों ने वर्ष 1950 की स्थिति में अपना निवास प्रमाण पत्र जमा नहीं किया था।
Jabalpur : डिजिटल साइन का दुरुपयोग
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि तीनों जाति प्रमाण पत्र रांझी लोक सेवा केंद्र के संचालक अंकित अग्रवाल ने अपलोड किए थे। जबकि कम्प्यूटर ऑपरेटर अर्चना दाहिया ने एसडीएम के डिजिटल साइन कर फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी किया था। उसने मूल दस्तावेजों को भी खुर्द-बुर्द किया।