Green Corridor Expressway : नर्मदा तट गौरीघाट तक बिना बाधा के सीधी पहुंच की राह आसान होने जा रही है। बहुप्रतीक्षित छोटी लाइन चौराहा-गौरीघाट के बीच की नैरोगेज की 72 एकड़ जमीन रेलवे अदला-बदली करने को तैयार हो गया है। इससे फोरलेन ग्रीन कॉरिडोर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। सोमवार को रेलवे मंत्री अश्वनी वैष्णव से लोक निर्माण मंत्री राकेश ङ्क्षसह के साथ हुई बैठक में इस पर मुहर लग गई।
Green Corridor Expressway : 7 साल से अटका था प्रस्ताव, रेलमंत्री और लोक निर्माण मंत्री की बैठक में लगी मुहर
Green Corridor Expressway : पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
यह मामला बीते सात साल से अटका हुआ था। दरअसल, जबलपुर-नैनपुर रूट पर ब्रॉडगेज का निर्माण होने के बाद अंगे्रजों के जमाने में बिछाई गई नैरोगेज लाइन की 72 एकड़ जमीन खाली हो गई थी। जिसका रेलवे किसी तरह का उपयोग नहीं कर रहा है। लावारिस पड़ी जमीन पर बढ़ते अवैध कब्जे को देखते हुए पत्रिका ने गौरीघाट तक ग्रीन कॉरिडोर एक्सप्रेस वे के निर्माण की मुहिम छेड़ी थी। जिस पर समाज के विभिन्न वर्गों का साथ मिला था और प्रशासन ने इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया था। लेकिन जमीन अदला-बदली को लेकर गतिरोध कायम रहने से मामला खटाई में पड़ गया था। अब रेल मंत्री की मंजूरी मिलने के बाद सेंट्रल सिटी को गौरीघाट को सीधे जोडऩे की उम्मीद परवान चढ़ सकेगी।
Green Corridor Expressway : रेलवे को मिलेगी 110 एकड़ जमीन, यह है स्थिति
07 साल से अटका है मामला 72 एकड़ जमीन है छोटी लाइन चौराहा से गौरीघाट तक रेलवे के स्वामित्व की 110 एकड़ जमीन बदले में निगम बदले में देने तैयार 640.91 करोड़ कुल कीमत रेलवे की जमीन की 640.90 करोड़ निगम की जमीन की कीमत
Green Corridor Expressway : ग्रीन कॉरीडोर एक्सप्रेस वे ही बने
विशेषज्ञों का मानना है कि छोटी लाइन चौराहा से गौरीघाट के बीच निर्बाध यातायात के लिए एक्सप्रेस वे का निर्माण इस प्रकार से किया जाए कि राहगीरों को जंक्शन, सिग्नल में न अटकना पड़े और कम समय में लोग नर्मदा दर्शन को पहुंच सकें। इसके लिए मार्ग में अंडरपास, फ्लाइओवर का भी प्रावधान किया जा सकता है। इसके साथ ही मार्ग के दोनों ओर मदनमहल ङ्क्षलक रोड की तर्ज पर ग्रीन कॉरीडोर विकसित किया जाए। जिससे की शहरवासियों को प्रदूषण मुक्त हरा-भरा कॉरिडोर मिल सके।
Green Corridor Expressway : यह होगा फायदा
छोटी लाइन चौराहा से गौरीघाट तक सीधी पहुंच हो जाने से श्रद्धालुओं के साथ ही शहरवासियों को भी बड़ी सौगात मिल जाएगी। औसतन हर दिन 25-&0 हजार श्रद्धालु गौरीघाट नर्मदा दर्शन को जाते हैं। जबकि नर्मदा जयंती सहित अन्य प्रमुख त्योहारों में यह संख्या लाखों तक पहुंच जाती है। अभी एक मात्र आदि शंकराचार्य चौक से गौरीघाट के लिए होने से बड़ी बाधा का सामना करना पड़ता है। ट्रै्रफिक के दबाव के साथ जाम और पार्किंग की समस्या से श्रद्धालु जूझते हैं। बाधारहित वैकल्पिक मार्ग के निर्माण से नर्मदा तक पहुंच आसान होगी।
Green Corridor Expressway : रेलवे को गधेरी में मिलेगी जमीन
रेल मंत्री ने जमीन रा’य शासन को हस्तांतरित करने की स्वीकृति दे दी है। मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि रेलवे की जमीन के बदले रा’य शासन की ओर से गधेरी में जमीन देने के प्रस्ताव पर रेल मंत्री ने सहमति प्रदान कर दी है। मंत्री ङ्क्षसह ने कहा कि जबलपुर लिए यह बड़ी उपलब्धि है। इससे पूर्व भी रेलवे अधिकारियों और जिला कलेक्टर के साथ एक बैठक की थी। तब गधेरी की जमीन और रेलवे की जमीन की दरों में असमानता होने की वजह से इसके पुन: परीक्षण के लिए रेलवे बोर्ड ने वापस कर दिया था। पूर्व के प्रस्ताव के अनुरूप ही इसका हस्तांतरण करने के निर्देश रेलवे बोर्ड को दिए हैं।
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