illegal colony : महाराजपुर-पुरवा में अवैध कॉलोनी बनाकर बिल्डर गायब, अब दर्ज होगी एफआइआर
महाराजपुर और पुरवा में बनी इस कॉलोनी की पड़ताल में किसी तरह अनुमति नहीं मिलने पर एफआइआर के लिए नगरनिगम ने पुलिस थाना को दस्तावेज सौंपे हैं। दोनों ही कॉलोनियों के निर्माण के लिए बिल्डरों ने किसी तरह की अनुमति नहीं ली थी।
illegal colony : अवैध कॉलोनी खड़ी कर दो बिल्डर रुपए समेटे और अब गायब हो गए। महाराजपुर और पुरवा में बनी इस कॉलोनी की पड़ताल में किसी तरह अनुमति नहीं मिलने पर एफआइआर के लिए नगरनिगम ने पुलिस थाना को दस्तावेज सौंपे हैं। दोनों ही कॉलोनियों के निर्माण के लिए बिल्डरों ने किसी तरह की अनुमति नहीं ली थी। इससे जिम्मेदारों की मिलीभगत भी सामने आई है। नगरनिगम के अधिकारियों के अनुसार महाराजपुर में भागचंद साहू ने अवैध कॉलोनी का निर्माण कर लिया।
illegal colony : नगर निगम ने पुलिस थाना में दिए दस्तावेज, बिना अनुमति बना दी थी कॉलोनी
illegal colony : न नक्शा पास, न टीएंडसीपी की अनुमति
बताया गया है कि उसने न तो नगरनिगम से नक्शा पास कराया और न ही टीएंडसीपी की अनुमति ली। साहू ने कॉलोनी के नाम पर लोगों से लाखों रुपए वसूले और गायब हो गया। महाराजपुर की इस अवैध कॉलोनी में दो दर्जन से अधिक घरों का निर्माण कर ग्राहकों को बेंच दिया। नगरनिगम ने नोटिस जारी की तो जवाब दिए बिना ही गायब हो गया। अब निगम की ओर से अधारताल थाने को शिकायत देकर एफआइआर दर्ज करने को कहा है। निगम अफसरों का दावा है कि एफआइआर के साथ ही सम्पत्ति की भी कुर्की की जाएगी।
illegal colony : शहर में 124 अवैध कॉलोनियां
शहर पहले से ही अवैध कॉलोनियों के बोझ से दबा हुआ है। शायद ही ऐसा कोई कोना हो जहां अवैध निर्माण कर कॉलोनाइजर गायब नहीं हो गए हों। जिला और नगरनिगम प्रशासन ने 124 कॉलोनियों को चिन्हित किया है, लेकिन अभी तक बिल्डरों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। आलम यह है कि अब भी बिल्डर खेत-खलिहाल से लेकर टीलों की जमीन पर प्लाटिंग कर कालोनी तान दे रहे हैं। इतना ही नहीं सबसे सस्ती जमीन, सस्ते मकान के लुभावने ऑफर दिखाकर लोगों को बेच रहे हैं। नगर निगम प्रशासन को अवैध कालोनी का होश तब आ रहा है जब प्लाट, भवन खरीदने वाले जलभराव से लेकर ड्रेनेज सिस्टम न होने या जल संकट की समस्या को लेकर सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं।
illegal colony : अवैध निर्माण की नहीं होती जांच
नगर के किसी भी इलाके में अगर कोई आम आदमी अपने रहने के लिए छोटे भवन का निर्माण कर रहा हो तो निगम की भवन शाखा के कर्मचारी चार कमियां निकालकर निर्माणाधीन भवन की जांच करने पहुंच जाते हैं। लेकिन कालोनाइजरों का कई हजार वर्गफीट या एकड़ में की जा रही प्लाटिंग या अवैध निर्माण उन्हें नजर नहीं आता। यही कारण है कि नगर में अवैध कालोनियों की बसाहट थम नहीं रही है। बाद में इन कालोनियों के रहवासियों का जीवन नारकीय हो जाता है। इतना ही नहीं कालोनियों में मूलभूत सुविधा सडक़, बिजली, पानी मुहैया कराने इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने बड़े फंड के खर्च का भार भी प्रशासन पर आ जाता है।
illegal colony : चार पार्टनरों ने करोड़ों वसूले
शहर के गढ़ा थाना क्षेत्र के पुरवा में भी अवैध कॉलोनी के निर्माण का खुलासा हुआ है। कॉलोनाइजर श्रीपाल राज जैन, छत्रसाल सिंघइ, राजबली सिंघई और देशराज सिंघई ने मिलकर दो एकड़ जमीन पर अवैध तरीके से कॉलोनी का निर्माण कर ग्राहकों से करोड़ों रुपए वसूले। इन चारों को नगरनिगम की ओर से नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन जवाब नहीं दिया। बताया गया है कि रसूख के दम पर इन बिल्डरों ने मकानों का निर्माण किया और ग्राहकों से जमकर सौदे किए। नगरनिगम प्रशासन ने गढ़ा थाना को दस्तावेज सौंपकर एफआइआर की मांग की है। जिसमें बताया गया है कि इस कॉलोनी का न तो नगरनिगम से नक्शा पास कराया गया और न ही टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से किसी तरह की अनुमति ली गई।
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