पर्यावरणीय रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश होगी। उसके विश्लेषण के बाद निर्णय होगा। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने आदेश में कहा, टेस्टिंग रिपोर्ट केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड को भेजें। रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लें कि कचरे को कितनी मात्रा में और कितने समय अंतराल में नष्ट किया जाए। पीथमपुर में कचरा जलाने का विरोध हो रहा है। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा, जब यूका के कचरे के निपटान में रोक नहीं है, कचरा वहां पहुंच गया है, फिर विनष्टीकरण में देरी क्यों? इसके बाद तीन चरणों में टेस्टिंग के निर्देश दिए। अब 27 मार्च को सुनवाई होगी।
जनप्रतिनिधियों ने बैठक का बहिष्कार हाईकोर्ट (MP High Court) के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने मंगलवार को नगर पालिका में बैठक बुलाई। धार कलेक्टर प्रियंक मिश्र की बैठक का जनप्रतिनिधियों ने बहिष्कार कर दिया। उन्होंने कहा, प्रशासन बिना जन सहमति कचरा निपटान की प्रक्रिया आगे बढ़ा रहा है। कलेक्टर ने कहा, कचरे का निपटान निपटान पूरी तरह वैज्ञानिक तरीके से होगा। वहीं, आंदोलनकारी संदीप रघुवंशी ने कहा, हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। वहां से स्टे मिलने की उम्मीद है।
लोगों ने कहा, 2015 में जलाया, भूजल प्रदूषित
2015 में 10 टन कचरा जलाया था। इस रिपोर्ट के आधार पर 337 टन कचरा निपटान के निर्देश दिए। पीथमपुर में रामकी प्लांट के पास तारपुरा गांव में 2000 लोग रहते हैं। उन्होंने कहा, पहले जलाए-दफनाए कचरे से भूजल प्रदूषित हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट में अब 24 को सुनवाई
सोमवार को समाजसेवी चिन्मय मिश्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट पूछा था, कचरा पीथमपुर में ही क्यों जलाना है? शासन को नोटिस जारी किया। अब 24 फरवरी को सुनवाई होगी।
ऐसे होगा निस्तारण
एडवोकेट जनरल प्रशांत सिंह ने राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में अनुपालन हलफनामा दिया। कहा, हम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर रहे हैं। सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए कचरे के निपटान के साथ आगे बढ़ेंगे। कोर्ट के आदेश के अनुसार, ट्रायल रन तीन चरणों में होगा। पहला चरण 27 फरवरी, दूसरा 4 मार्च, फिर तीसरा चरण होगा। मूल्यांकन के लिए 3 परीक्षणों के परिणाम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजेंगे। उनके निर्देशों पर काम करेंगे और 27 मार्च को कोर्ट में दिशा-निर्देश पेश करेंगे।