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जगदलपुर

CG News: छत्तीसगढ़ को मिल रहा मात्र 17 फीसदी पानी, 22 पंचायतों के किसान इंद्रावती नदी में देंगे धरना

CG News: अधिकांश पानी का प्रवाह ओड़िशा में, इसलिए बस्तर में इंद्रावती सूखी रह गई है। जल बंटवारे में ओड़िशा और छत्तीसगढ़ की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। स्ट्रक्चर निर्माण के बाद भी छत्तीसगढ़ को मात्र 17 फीसदी पानी मिल रहा है।

जगदलपुरMar 12, 2025 / 12:44 pm

Laxmi Vishwakarma

CG News: छत्तीसगढ़ को मिल रहा मात्र 17 फीसदी पानी, 22 पंचायतों के किसान इंद्रावती नदी में देंगे धरना
CG News: प्राणदायिनी इंद्रावती नदी सूखने और अल्टीमेटम के बाद भी प्रशासन की अनदेखी से नाराज किसानों मंगलवार को जोरानाला पहुंचें। यहां किसानों ने मिलकर जोरानाला में रेत-पत्थर के ढेर को हटाया। ताकि इंद्रावती नदी में पानी का प्रवाहित हो सके। यहां पर किसानों ने एक स्वर में कहा कि यदि जल्द से जल्द प्रशासन ने जोरानाला में सफाई नहीं करवाता है, तो 22 पंचायतों के हजारों किसान इंद्रावती नदी में ही धरना देंगे।

CG News: इंद्रावती नदी में प्रवाहित नहीं हो पा रहा पानी

ज्ञात हो कि किसानों ने सोमवार को नएएच पर चक्का जाम करते हुए अपना रुख साफ करते हुए, इंद्रावती नदी में जोरानाला से पानी छोड़ने मांग किया था। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच में वर्ष 2003 और इसके बाद कई बार यह समझौता हुआ था, कि जोरा नाला से आने वाले पानी को दोनों राज्य 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी में बांटेंगे और दोनों के ज्वाइंट पाइंट पर रेग्युलेटर लगाए गए। ताकि पानी बराबर-बराबर दोनों राज्यों को मिल सके, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
इंद्रावती नदी बचाओ संघर्ष समिति बस्तर के अध्यक्ष लखेश्वर कश्यप ने बताया कि जोरानाला से छत्तीसगढ़ की तरफ जो पानी आना है, वहां पानी न होकर सिर्फ रेत और पत्थर के ढेर नजर आए हैं। जोरानाला का पानी छत्तीसगढ़ की सीमा में कम और ओड़िशा सीमा में अधिक प्रवाहित हो रहा है। यदि इंद्रावती नदी में आने वाले जल प्रवाह को रोकने के लिए ओड़िशा प्रशासन से यहां रेत और पत्थर बिछा दिया है, जिसके चलते वर्तमान समय में इंद्रावती नदी में पानी प्रवाहित नहीं हो पा रहा है।
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खून-पसीने से लगाई फसल को हो रहा नुकसान

यदि रेत और पत्थरों को हटाया जाए तो पानी का प्रवाह दोनों राज्यों के किसानों को बराबर मिल सकेगा। परंतु बस्तर जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग की अनदेखी के चलते पानी यहां सफाई नहीं की गई है। जिसका खामियाजा वर्तमान समय में 22 गांव के किसानों को उठाना पड़ रहा है, खून-पसीने से लगाई फसल को नुकसान हो रहा है। इसके म़द्देनजर इंद्रावती नदी संघर्ष समिति पदाधिकारी किसानों के साथ जोरा नाला में जाकर रेती तथा पत्थर को हटाने का काम किया।

पांच हजार एकड़ से ज्यादा फसल सूखने की चिंता

CG News: इंद्रावती नंदी बचाओ संघर्ष समिति के लक्ष्मण बघेल ने बताया कि बस्तर में पांच हजार एकड़ से ज्यादा की फसल सूख जाने की चिंता किसानों को सता रही है। जिला प्रशासन एवं जल संस्थान विभाग के द्वारा जेसीबी लगाकर नहीं हटाया जाता है तो किसानों के साथ मजबूर होकर जोरा नाला में 22 पंचायतों के किसान इस बार इंद्रावती नदी में अनशन पर बैठेंगे।
जिला प्रशासन के द्वारा किसानों को आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिल रहा है। इस रौरान इन्दावती नदी बचाओ संघर्ष समिति अध्यक्ष लखेश्वर कश्यप, उपाध्यक्ष वीर सिंह बघेल, सचिव सुभाष कश्यप, लक्षमण बघेल,कृपालु कश्यप, रामचंद्र बघेल, तुलसी मौर्य, राधेश्याम बघेल व अन्य किसान थे।

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