scriptChandameta Accident में 7 लोगों ने गंवाई जान, मुआवजा मिला महज 1000 रुपए! ग्रामीण बोले- क्या यह इंसाफ़ है? | Chandameta Accident: 7 people lost their lives, got only Rs 1000 as compensation | Patrika News
जगदलपुर

Chandameta Accident में 7 लोगों ने गंवाई जान, मुआवजा मिला महज 1000 रुपए! ग्रामीण बोले- क्या यह इंसाफ़ है?

Chandameta Accident: एक जनप्रतिनिधि से घटना के बाद के नाम पर महज 1,000 रुपए मिले हैं, जबकि उन्होंने ने ही सरकार से बात करके उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया था..

जगदलपुरFeb 19, 2025 / 04:54 pm

चंदू निर्मलकर

chandameta accident
Chandameta Accident: बस्तर जिले के नक्सल प्रभावित इलाके चांदामेटा में 21 दिसंबर को हुए सडक़ हादसे ने सात निर्दोष लोगों की जिंदगी छीन ली, लेकिन शासन-प्रशासन की निष्क्रियता ने पीड़ित परिवारों के घाव पर नमक छिडक़ दिया है। घटना के करीब दो महीने बाद भी मृतकों के परिजनों को सरकारी मुआवजे का इंतजार है। एक जनप्रतिनिधि से घटना के बाद के नाम पर महज 1,000 रुपए मिले हैं, जबकि उन्होंने ने ही सरकार से बात करके उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया था। ग्रामीणों का आरोप है कि आदिवासी इलाकों की जान की कीमत सरकार के लिए सिर्फ 1,000 रुपए है। यह उदासीनता आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों की अनदेखी की ओर भी इशारा करती है।

Chandameta Accident: यह है मामला

चांदामेटा के ग्रामीण यातायात सुविधाओं के अभाव में मालवाहक वाहनों का सहारा लेते हैं। 21 दिसंबर को भी ग्रामीणों का एक समूह कोलेंग बाजार जाने के लिए एक मालवाहक वाहन में सवार हुआ। इसी दौरान यह वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें मौके पर ही चार लोगों की मौत हो गई और अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान तीन और लोगों की जान चली गई। इस दर्दनाक घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया।
यह भी पढ़ें

Chandameta Accident: चांदामेटा सड़क हादसे में अब तक 6 की मौत, सांसद और विधायक पहुंचे परिजनों के बीच

यातायात सुविधाओं का अभाव

चांदामेटा और आस-पास के ग्रामीण इलाकों में सरकारी यातायात व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को मजबूरी में मालवाहक वाहनों में यात्रा करनी पड़ती है। सालों बाद जब नक्सल गतिविधियां कम हुई हैं, तब जाकर सडक़ों का निर्माण हुआ है। लेकिन अभी भी परिवहन सेवाएं नहीं हैं। ऐसे में ग्रामीणों के पास कोई और विकल्प नहीं बचता। हादसे की मुय वजह भी यही थी। ग्रामीणा का कहना है कि यह हादसा केवल एक सडक़ दुर्घटना नहीं है, बल्कि यह सरकार की नीतियों और ग्रामीण इलाकों की उपेक्षा का भी उदाहरण है। प्रशासन को चाहिए कि वह अविलंब पीड़ितों की मदद करे और परिवहन सुविधाओं में सुधार लाए ताकि ग्रामीणों को सुरक्षित यात्रा का अधिकार मिले।

कहा: माल वाहक गाड़ी में सफर मजबूरी

श्याम ने कहा यहां न तो बस है, न ऑटो। नक्सलियों का डर कम हुआ, तो कुछ साल पहले सडक़ बनी। अब भी बाजार जाने के लिए मालवाहक गाडिय़ों पर चढऩा पड़ता है। सरकार ने परिवहन व्यवस्था की कभी परवाह नहीं की। मंगलू ने बताया कि बड़े शहरों में रहने वालों के लिए सरकार तुरंत लाखों रुपए के मुआवजे का ऐलान कर देती है लेकिन यहां जिन सात लोगों की मौत अस्पताल में हुई, उनके परिवार को एक रुपया भी नहीं मिला। क्या यह इंसाफ़ है?

Hindi News / Jagdalpur / Chandameta Accident में 7 लोगों ने गंवाई जान, मुआवजा मिला महज 1000 रुपए! ग्रामीण बोले- क्या यह इंसाफ़ है?

ट्रेंडिंग वीडियो