हालांकि इस संबंध में पुलिस अफसर खुलकर प्रतिक्रिया देने से परहेज कर रहे है। उनका कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है पर यह नक्सलियों की प्रोपेगैंडा वार का हिस्सा हो सकता है। कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म में आईसीएसपीडब्लयूआई के हवाले से लिखा गया है कि सरकार आदिवासियों को निशाना बना रही है। ऑपरेशन कगार बंद किया जाए इसके जवाब में गुरिल्ला जनयुद्ध तेज किया जाए।
Chhattisgarh Naxalite: नक्सल विचारधारा के समर्थक
नक्सलियों ने 28 जुलाई से 3 अगस्त तक पूरे देश मे शहीदी सप्ताह मनाने का आह्वान करते हुए मारे गए नक्सली चीफ बसवा राजू और अन्य नक्सली साथियों की याद मे स्मारक और सभाएं आयोजित करने का आह्वान किया है। सूत्रों के मुताबिक नक्सल विचारधारा के समर्थक सामाजिक कार्यकर्ताओ के माध्यम से नक्सली देश मे चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियानो को गैरकानूनी बताकर अंतर्राष्ट्रीय मंचों और यूएनओ मे उठाने की कोशिश कर रहे हैं। कम्पोसा को विस्तार देने की तैयारी
बुकलेट मे लिखा है कि नक्सलियों ने दक्षिण एशिया के कई देशो मे समान विचारधारा के संगठन के साथ समन्यव बनाने के लिए गठित कम्पोसा ( कोअर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ माओइस्ट पार्टीस एंड आर्गेनाइजेशन ऑफ़ साउथ एशिया) को मजबूत करना चाहते हैं। बाद मे वे इसका यूरोप और अमरीकी देशो मे विस्तार करना चाहते हैं। इसके लिए नक्सली नेताओं ने प्रयास तेज कर दिए हैं। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि विभिन्न देशों में
नक्सली जिन नामों के संगठनों के साथ काम कर रहे हैं, वे संगठन उन देशों में भी प्रतिबंधित हैँ।
इन देशों में नक्सलियों के संगठन
Chhattisgarh Naxalite: नक्सलियों ने अब विदेशों मे अपनी जड़ें जमाने की कवायद तेज कर दी है। हाल ही के दिनों मे नक्सलियों ने एक बुकलेट जारी कर बताया है कि आधा दर्जन से अधिक देशों में उनका संघठन संचालित है, इनमें से नेपाल, ग्रीस, फिलिपीन्स, अफगानिस्तान और तुर्किए आदि प्रमुख हैं। कुछ देशों मे वे समान विचारधारा के संगठनों के साथ तालमेल कर वहां वे अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहे है।