बताया जा रहा है कि बस्तर में इस तरह के और भी खाते हो सकते हैं जिसकी जांच साइबर पुलिस कर रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हर रोज करीब 800 डिजिटल ठगी की खबर पुलिस तक पहुंचती है। इसके उलट ऐसे मामले भी होते हैं, जिसकी शिकायत पुलिस तक नहीं पहुंचती।
साइबर ठगों द्वारा ठगी के रकम को रखने के लिए अपने बैंक खाते का इस्तेमाल नहीं करते। इसके लिए वे किराये पर किसी दूसरे व्यक्ति का बैंक खाता लेते हैं जिसे ’म्यूल अकाउंट’ कहते हैं। बस्तर में म्यूल एकाउन्ट का यह पहला मामला है।
म्यूल खाता खोला
सरकार द्वारा बड़ी संख्या में नकद रखने या इस्तेमाल करने के लिए सख्त कानून बनाया है। ऐसे में लाखों की ठगी की रकम अपराधी खुद के अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं, तो केवाईसी के चलते उन्हे बहुत जल्द ही पकड़ा जा सकता है। पुलिस से बचने के लिए अपराधी किसी तीसरे व्यक्ति के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल म्युल खाते के रूप में करते हैं।
क्या होता है म्यूल अकाउंट
म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक अकाउंट होते हैं जिनका इस्तेमाल जालसाज अपराध से मिले पैसे को ठिकाने लगाने के लिए करते हैं।इसके लिए साइबर ठग ऐसे लोगों को निशाना बनाते हैं जिनके पास पैसों के लेनदेन की ज्यादा जानकारी नहीं होती है। इसमें बुजुर्ग, अनपढ़, गरीब या अन्य ग्रामीण हो सकते हैं। इन्हें अपराधियों द्वारा रूपए देने का लालच दिया जाता है। ऐसे में कई लोग अपना अकाउंट खुलवाकर उसका इस्तेमाल करने दे देता है। कई बार नकली दस्तावेज के जरिए भी अकाउंट खुलवा लेते हैं कब होता है म्यूल खातों का इस्तेमाल
ज्यादातर म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और फिशिंग स्कैम के लिए किया जाता है। धोखेबाज लोगों को धोखा देकर लेनदेन करने के लिए मजबूर करते हैं। लोगों को अकाउंट विवरण देन राजी करते हैं। एक बार बैंकिंग सिस्टम में आ जाने के बाद ये सामान्य बैंक अकाउंट की तरह ही काम करते हैं।
सरकार द्वारा बड़ी संख्या में नकद रखने या इस्तेमाल करने के लिए सख्त कानून बनाया है। ऐसे में लाखों की
ठगी की रकम अपराधी खुद के अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं, तो केवाईसी के चलते उन्हे बहुत जल्द ही पकड़ा जा सकता है। पुलिस से बचने के लिए अपराधी किसी तीसरे व्यक्ति के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल म्युल खाते के रूप में करते हैं।
कोई भी व्यिक्त अपने एकाउन्ट का उपयोग स्वयं करें वे आकर्षक ऑफरों, इजी मनी और नौकरियों के ऑफर से सावधान रहे। घर बैठे पैसे कमाने की लालच में ना आएं। गेमिंग एप के अलावा जिनमें मनी ट्रांसफर की बात जुड़ी हो ऐसे प्रलोभन से बचें। – गीतिका साहू, डीएसपी व प्रभारी साइबर सेल बस्तर