CG Eye Flu: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले में आईफ्लू के मामलों में जबरदस्त इज़ाफा देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों में स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 1200 से अधिक लोग इस संक्रामक रोग की चपेट में आ चुके हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि प्रभावितों में सबसे बड़ी संख्या छोटे बच्चों की है। अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में भीड़ बढ़ती जा रही है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बना हुआ है।
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों में बच्चों के बीच आईफ्लू बड़ी तेज़ी से फैल रहा है। बच्चों में जलन, आंखों में लालपन, पानी आना और सूजन जैसे लक्षण आमतौर पर सामने आ रहे हैं। कई बच्चों को स्कूल से छुट्टी भी देनी पड़ी है ताकि संक्रमण को रोका जा सके। बस्तर स्वास्थ्य विभाग ने आम से अपील की है कि घबराएं नहीं, बल्कि सतर्कता बरतें। किसी भी तरह के लक्षण दिखते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें और खुद से आंखों में दवा डालने से बचें।
अस्पतालों में मरीजों की भीड़
मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और निजी क्लीनिकों में आईफ्लू के मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखी गई है। आंखों से संबंधित बीमारियों के लिए विशेष व्यवस्था की मांग बढ़ गई है। मरीजों की लंबी कतारें लगी हैं और स्टाफ को अतिरिक्त समय तक काम करने का दबाव भी बढ़ गया है।
एक्सपर्ट की राय, सावधानी ही बचाव है
नेत्र रोग विशेषज्ञ सरिता का कहना है कि आईफ्लू एक वायरल संक्रमण है जो संपर्क में आने से तेजी से फैलता है। आईफ्लू आमतौर पर गंभीर नहीं होता, लेकिन इसकी संक्रामकता बहुत अधिक है। सही समय पर इलाज और सावधानी बरती जाए तो इससे आसानी से बचा जा सकता है। वहीं बच्चों के लिए भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
स्वास्थ्य विभाग संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए टेलीफोनिक परामर्श सेवा शुरू करने की योजना बना रहा है, जिससे लोग घर बैठे ही शुरुआती लक्षणों की जानकारी लेकर उचित सलाह ले सकें। इससे स्वास्थ्य केंद्रों पर भीड़ कम करने में मदद मिलेगी और गंभीर मामलों को प्राथमिकता दी जा सकेगी।
ये सावधानियां बरतें…
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें आंखों को बार-बार न छुएं संक्रमित व्यक्ति का तकिया, तौलिया या रूमाल साझा न करें स्कूल या ऑफिस में संक्रमित व्यक्ति को कुछ दिन आराम करने की सलाह दें
डॉक्टर की सलाह से ही दवाओं का उपयोग करें
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