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जयपुर

राजस्थान में 2 लाख नई एमएसएमई इंडस्ट्री होंगी विकसित

राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट की सफलता से उत्साहित राज्य सरकार अब प्रदेश में 2 लाख नई एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) इंडस्ट्री विकसित करने पर काम शुरू करेगी। इसके जरिए करीब एक लाख करोड़ का निवेश होने की संभावना बनेगी। इसमें उन युवाओं को भी आगे लाएंगे, जिन्होंने छोटा व्यवसाय करने की मंशा जाहिर की हुई है। लघु उद्योग भारती का भी इसमें सहयोग लिया जाएगा।

जयपुरDec 12, 2024 / 05:35 pm

GAURAV JAIN

-सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के जरिए इकोनोमी बूस्टअप की तलाश रहे राह

-ऐसा होता है तो एक लाख करोड़ का निवेश होगा

-उन युवाओं पर भी फोकस, जिन्होंने व्यवसाय करने की मंशा जाहिर की
जयपुर. राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट की सफलता से उत्साहित राज्य सरकार अब प्रदेश में 2 लाख नई एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) इंडस्ट्री विकसित करने पर काम शुरू करेगी। इसके जरिए करीब एक लाख करोड़ का निवेश होने की संभावना बनेगी। इसमें उन युवाओं को भी आगे लाएंगे, जिन्होंने छोटा व्यवसाय करने की मंशा जाहिर की हुई है। लघु उद्योग भारती का भी इसमें सहयोग लिया जाएगा।
उद्योग विभाग जल्द इस दिशा में काम शुरू करेगा। इसमें विश्व बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं को किस तरह साथ लिया जाए, इस पर भी विचार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी समिट के उद्घाटन सत्र में बताया था कि औद्योगिक हब बनाने की राह एमएसएमई सेक्टर से होकर गुजरती है। उन्होंने सरकार और निवेशकों से इसे प्रमोट करने के लिए कहा। अभी राजस्थान में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 31 लाख एमएसएमई इकाइयां हैं।
इस तरह बढ़ेंगे आगे…

-ऐसे संगठन-संस्थाओं के जरिए हस्तशिल्पी, दस्तकार, बुनकरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि उन्हें सही दिशा मिले और वे अपने उद्यम को आगे बढ़ा पाएं। क्योंकि व्यापार में इनका बड़ा हिस्सा शामिल है।
-उद्यमियों को व्यापार का बड़ा प्लेटफार्म उपलब्ध कराएंगे। राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उत्पादों की ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग करने में भी आसानी होगी।

-रिप्स (राजस्थान इनवेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम) के तहत जो छूट दी जाएगी, उसकी जानकारी लोगाें तक पहुंचाना।
-वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट्स को जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि प्लान की निर्धारित समय पर क्रियान्विति सुनिश्चित हो। इसमें एमएसएमई के सेक्टर वाइज ब्यूरोक्रेट्स की जवाबदेही तय की जा सकती है।

यह है स्थिति और लाभ
-25 प्रतिशत योगदान है राज्य की जीएसडीपी में एमएसएमई का।

-70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है इंजीनियरिंग उत्पाद, रत्न, आभूषण, कपड़ा, धातु, हस्तशिल्प, कृषि-खाद्य उत्पाद और रसायन का राज्य के कुल निर्यात का।
-10 हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रति वर्ष आएगा।

-1 लाख लोगों के लिए रोजगार की राह खुलने पर काम होगा।

-9 हजार एमएसएमई को जीरो डिफेक्ट-जीरो इफेक्ट(जेडईडी) सर्टिफिकेट मिलने की राह आसान होगी।
इन महिलाओं ने उठाया जिम्मा

खुद का काम करने की इच्छा थी

अपना काम करने की इच्छा थी और करीब डेढ़ साल पहले कढ़ाई-बुनाई का काम शुरू किया। हमने महिला समूह बनाया हुआ है। एक संस्था से जुड़े हैं, जो हमें समय-समय पर ट्रेनिंग भी दे रही है। उससे हमें नए तरीके से काम करने का भी मौका मिल रहा है।
-कमला चौधरी, कपूरडी, बाड़मेर

गृह उद्योग से जुड़कर बढ़ रहीं हूं आगे

गृह उद्योग से जुड़कर आगे बढ़ रहीं हूं। खाने का सामान तैयार कर रहे हैं, जो देश-विदेश में भेजा जा रहा है। हमारे राजस्थान का स्वाद प्रवासी भी चख रहे हैं। इस व्यवसाय में आगे बढ़ने के लिए हर नई विधि भी सीख रही हूं।
-सरोज भाटी, चौपासनी, जोधपुर

हमारे बनाए कपड़े फ्रांस तक पहुंच रहे

-हमारे बनाए हुए कपड़े फ्रांस तक पहुंच रहे हैं। हैंडीक्राफ्ट में मैं और मेरी मित्र दोनों की पहले से ही रुचि थी, जो अब व्यापार के रूप में आगे बढ़ रही है। एक संस्था से जुड़े और आगे बढ़ते जा रहे हैं। अभी इसमें चार हजार महिलाएं काम कर रही हैं। इनसे जुड़ने की चेन बन गई है।
-अलिशा खान, लालर, झुंझुनूं

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