पार्टी ने बनाई 5 सदस्यीय जांच समिति
दरअसल, BAP ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए 5 सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट पार्टी के केंद्रीय कार्यालय को सौंपेगी। समिति में कान्तिलाल रोत (राष्ट्रीय सदस्य, BAP), डॉ. जितेन्द्र मीणा (राष्ट्रीय प्रवक्ता, BAP), रमेश चन्द मईड़ा (प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान), उमेश कुमार डामोर (विधायक, आसपुर) और धावरचंद डामोर (विधायक, धरियावद) सदस्य हैं। जमीन में दबे मिले पूरे 20 लाख रुपए
जानकारी के मुताबिक, जयपुर स्थित ज्योतिनगर आवास पर एसीबी टीम ने ट्रैप की कार्रवाई की। इस दौरान एक व्यक्ति रिश्वत की रकम लेकर फरार हो गया। मोबाइल सर्विलांस की मदद से विधायक के रिश्तेदार जसवंत को पकड़ा गया, जिसने पूछताछ में बताया कि उसने पैसे विधायक के भांजे रोहित से लेकर जगराम नामक व्यक्ति को सौंपे थे।
इसके बाद जगराम और जसवंत ने मिलकर रकम को जयपुर के इंदिरा गांधी नगर स्थित जगराम के घर के पास जमीन में दबा दिया था। 5 मई को ACB की टीम ने वहां छापेमारी कर पूरे 20 लाख रुपए बरामद कर लिए।
विधायक बोले- मैंने रिश्वत नहीं ली
सोमवार को विशेष अदालत में विधायक जयकृष्ण पटेल और उनके चचेरे भाई को पेश किया गया, जहां से उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। एसीबी के अनुसार, उनके पास विधायक की बातचीत की रिकॉर्डिंग, ट्रैप वीडियो फुटेज, और अन्य डिजिटल सबूत मौजूद हैं। विधायक ने खुद को निर्दोष बताया और कोर्ट से बाहर निकलते समय कहा कि यह मेरे खिलाफ रचा गया राजनीतिक षड्यंत्र है। मैंने कोई रिश्वत नहीं ली। BAP का दावा- ACB की भूमिका संदिग्ध
भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने पूरे मामले को सत्तापक्ष की राजनीतिक साजिश करार दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत ने कहा कि जनजाति क्षेत्र में BAP के बढ़ते जनाधार से घबराकर सत्ता पक्ष ने षड्यंत्र रचा है। एसीबी की कार्रवाई पूरी तरह संदिग्ध है।
CCTV सर्विलांस फुटेज सीज
बताया जा रहा है कि ACB ने विधायक क्वार्टर्स के CCTV सर्विलांस फुटेज सीज कर दिए हैं और FSL जांच की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है ताकि यह पता चल सके कि ट्रैप के दौरान कोई फुटेज डिलीट तो नहीं किया गया। 7 मई को विधायक को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।