बता दें कि राजस्थान में पिछले कुछ महीने के अंदर पांच बड़े बोरवेल हादसे हो चुके है। जानें, प्रशासन को अब तक कितनी बार रेस्क्यू में सफलता मिली और कब-कब हादसे हुए?
10 दिसंबर : दौसा में 56 घंटे के बाद नहीं बचा था आर्यन
दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में 56 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आर्यन को बोरवेल से निकाला गया, लेकिन अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया था। 10 दिसंबर को खेलते समय आर्यन बोरवेल में गिर गया था। स्थानीय प्रशासन, NDRF, SDRF और सिविल डिफेंस ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की। बोरवेल में भोगी होने और CCTV की खराबी से रेस्क्यू ऑपरेशन में कई मुश्किलें आईं। पाइलिंग मशीन से खुदाई में भी देरी हुई। आखिरकार NDRF ने आर्यन को हुक से पकड़कर बाहर निकाला, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी। इसके बाद दौसा जिला अस्पताल में आर्यन को मृत घोषित कर दिया गया था।
20 नवंबर : गुड़ामालानी में 4 साल के मासूम ने तोड़ा दम
बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी में 20 नवंबर को भी ऐसा ही हादसा हो गया था। चार साल का मासूम खेलते खेलते बोरवेल में गिर गया। यह बोरवेल करीब 150 फीट गहरा था। चार साल का मासूम बच्चा करीब 100 फीट की गहराई पर अटका था। इस बोरवेल में नीचे पानी भरा हुआ था, बच्चा शाम करीब चार बजे गिरा। सूचना मिलते ही प्रशासन के अधिकारी, रेस्क्यू करने वाली टीमें और सिविल डिफेंस के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। बाड़मेर एसपी नरेंद्र मीणा भी मौके पर पहुंचे लेकिन 6 घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक बच्चे ने दम तोड़ दिया था। 25 अक्टूबर : बोरवेल में गिरने से किसान की मौत
दौसा जिले के लालसोट क्षेत्र के टोडा ठेकला गांव में 25 अक्टूबर की शाम बोरवेल पर काम करते समय मिट्टी ढहने से एक किसान की मौत हो गई थी। हेमराज (45) पुत्र गंगूलाल गुर्जर खेत पर बने बोरवेल में रस्सी के टूटने पर उसे दुरुस्त कर रहा था। इसी दौरान अचानक मिट्टी ढहने से हेमराज करीब 25 फीट की गहराई पर दब गया। घटना की जानकारी मिलते तत्काल जेसीबी की मदद से बोरवेल के इर्द-गेट मिट्टी खुदाई का कार्य शुरू किया गया। 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद 25 फीट गहराई पर मिट्टी में दबे हेमराज गुर्जर को अचेत अवस्था में बाहर निकालकर लालसोट जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
18 सितंबर: 2 साल की मासूम गहरे बोरवेल में गिरी
दौसा जिले के बांदीकुई में गुढ़ा रोड स्थित गांव जोधपुरिया में करीब ढाई साल की मासूम बालिका नीरू गुर्जर 18 सितंबर को खेलते समय बोरवेल के समीप बारिश के चलते धंसी जमीन से होकर बोरवेल में करीब 30 फीट गहराई पर अटक गई थी। हालांकि, करीब 17 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बच्ची को बचा लिया गया था। इसमें देशी जुगाड़ की कई टोलियों ने भी सहयोग किया। रेस्क्यू में जुटे एनडीआरएफ के जवानों ने तीन फीट व्यास का पाइप डालकर करीब बीस फीट लंबा टनल बनाया। इसके बाद करीब 30 फीट पर फंसी बच्ची को टनल के रास्ते सुरक्षित बाहर निकाला था। 28 अगस्त: मिट्टी ढहने से बोरवेल में गिरा किसान
दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा क्षेत्र के राणौली गांव में 28 अगस्त खेत में लगे बोरवेल की मिट्टी ढहने से एक युवा किसान की मौत हो गई थी। यह बोरवेल करीब 160 फीट गहरा था, जिसमे करीब 40 फीट की गहराई पर उक्त किसान मिट्टी में दब गया था। प्रशासन की मौजूदगी में ग्रामीणों के सहयोग से उसको बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान भी चलाया गया, लेकिन किसान की जान को नहीं बचाया जा सका था। किसान रामनिवास मीना (45) पुत्र नानगराम मीना अपने खेत पर बने बोरवेल पर पहुंचा था। तभी बारिश के चलते बोरवेल ढह गया था, इस दौरान जब रामनिवास बोरवेल को दुरुस्त करने के लिए खुदाई करने लगा तो अचानक मिट्टी ढह गई और वह करीब 40 फीट की गहराई में दब गया था।
25 मई : 5 साल का बच्चा बोरवेल में गिरा, सकुशल बचा
अलवर जिले में मंगलवार को एक 5 साल का बच्चा बोरवेल में गिर गया था। यह हादसा लक्ष्मणगढ़ थाना क्षेत्र के कनवाडा गांव में हुआ। बच्चा जिस बोरवेल में गिरा है वो उसी के पिता के खेत में बना था। बोरवले की गहराई करीब 100 फीट थी और बच्चा बोरवेल में करीब 20-25 फीट गहराई में फंसा था। बच्चे का नाम गोलू था और रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए उसे सकुशल बचा लिया गया था।