बैठक में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) द्वारा भेजे गए प्रकरणों की भी विस्तार से समीक्षा की गई। चर्चा का केंद्र ऐसे अभ्यर्थी रहे जिन्होंने दिव्यांगता प्रमाण पत्र, खेल प्रमाण पत्र या अन्य शैक्षणिक डिग्रियों में फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाई। ऐसे मामलों की जांच पूरी कर सख्त कार्यवाही सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
बैठक में लिए गए 9 मुख्य निर्णय
- 1-243 चयनित पीटीआई अभ्यर्थियों की विभागीय जांच रिपोर्ट पर कार्यवाही।
- 2-फर्जी या डमी अभ्यर्थियों की सटीक पहचान सुनिश्चित करने की योजना।
- 3-दिव्यांगता प्रमाण पत्रों में वास्तविकता और प्रतिशत की मेडिकल जांच।
- 4-खेल प्रमाण पत्रों की वैधता की गहराई से जांच।
- 5-निजी विश्वविद्यालयों द्वारा बिना काउंसलिंग कराए प्रवेश देने पर निगरानी।
- 6-एनसीटीई के नियमों की अनदेखी कर डिग्री देने वाले संस्थानों पर कार्यवाही की तैयारी।
- 7-सभी बीएड, बीपीएड जैसी डिग्रियों का केंद्रीकृत रजिस्ट्रेशन और सत्यापन पोर्टल तैयार करने का निर्णय।
- 8-2018 से 2023 तक नियुक्त अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच पूरी कर फर्जी पाए गए व्यक्तियों पर कार्यवाही।
- 9-एसओजी द्वारा भेजे गए 82 संदिग्ध कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई को शीघ्र पूर्ण करने का निर्देश।
बैठक में शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा, खेल विभाग, एसओजी, राजस्थान लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। साथ ही ऑनलाइन दस्तावेज सत्यापन प्रणाली विकसित करने की दिशा में ठोस पहल करने का भी निर्णय लिया गया।