महेश जोशी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक राज बाजवा ने अदालत को बताया कि एसीबी की एफआईआर और मामले में पेश आरोप पत्र में उसका नाम नहीं है। ईडी ने मार्च, 2024 में उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था। उसके बाद करीब एक साल तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की और गत दिनों जोशी को अचानक बुलाकर गिरफ्तार कर लिया। प्रकरण में अन्य आरोपियों की पूर्व में ही जमानत हो चुकी है। वहीं उनसे कोई रिकवरी भी नहीं हुई है। ईडी जिन 50 लाख रुपए की बात कह रही है, वह लोन लिया अमाउंट था और उसे चुकाया जा चुका है।
जोशी की ओर से कहा गया कि उनके जलदाय मंत्री रहने के दौरान ही विभाग ने ठेकेदार फर्म पर कार्रवाई की थी। ऐसे में यदि उसकी मामले में मिलीभगत होती तो वह फर्म पर कार्रवाई क्यों करते। ऐसे में जोशी को जमानत पर रिहा किया जाएं।
बता दें कि जल जीवन मिशन में एसीबी की ओर से मामला दर्ज होने के बाद ईडी ने महेश जोशी पर कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार किया था। इस दौरान जोशी की पत्नी का निधन होने के कारण उन्हें दो बार अंतरिम जमानत दी गई थी।