पुलिस ने बताया कि इलाके में ठाकुर जी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। मंदिर में करीब पचास साल के पुजारी काफी समय से पूजा पाठ करते थे। उनका नाम भाणुसा था। वे क्षेत्र में काफी जाने-पहचाने थे। परिवार नजदीक ही एक मकान में रहता था, लेकिन वे अधिकतर समय मंदिर में सेवा-पूजा में ही बिताते थे।
बताया जा रहा है कि आज तड़के भी वे मंदिर में मौजूद थे। उन्होंने मंगला आरती करीब साढ़े चार बजे तड़के में की और उसके बाद ठाकुर जी की मूर्ति के सामने बने हुए हॉल में फंदे से फांसी लगाकर जान दे दी। सवेरे करीब साढ़े सात बजे जब पूजा-पाठ करने वाले लोग मंदिर पहुंचे तो हंगामा मच गया। पट खोलते ही सामने भाणुना फंदे से लटके हुए थे। कुछ लोग मंदिर के अंदर गए और हालात देखे। उसके बाद पुलिस और परिवार को सूचना दी गई। परिवार के लोग शव उतारकर घर ले गए। बाद में पुलिस ने शव वहां से कब्जे में लिया और महात्मा गांधी अस्पताल के शवघर में रखवाया। सुसाइड के कारण सामने नहीं आ सके हैं। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।