सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर चर्चा… मंत्री कन्हैया लाल राजस्थान भूजल संरक्षण और प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक 2024 को विचारार्थ प्रस्तुत करने जा रहे है। दोनों विधेयक चर्चा के बाद पारित होने की संभावना है। इससे अलावा सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर चर्चा हो रही है। विधायक बालमुकुंदाचार्य जयपुर शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़ी अनियमितताओं और कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे को सदन में उठाएंगे। वे इस मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे।
अधिसूचनाएं और वार्षिक प्रतिवेदन रखेंगे .. विधायक भीमराज भाटी नागौर शहर की ज्योति नगर कॉलोनी में विद्युत आपूर्ति की समस्या को लेकर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर का ध्यान आकर्षित करेंगे और समाधान की मांग करेंगे। सदन की मेज पर आज अधिसूचनाएं और वार्षिक प्रतिवेदन रखे जाएंगे। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर एक अधिसूचना सदन के पटल पर रखेंगे। मंत्री के.के. विश्नोई भिवाड़ी इंटीग्रेटेड विकास प्राधिकरण का वार्षिक लेखा प्रतिवेदन पेश करेंगे। मंत्री जवाहर सिंह बेढम सरदार पटेल पुलिस सुरक्षा एवं दांडिक न्याय विश्वविद्यालय, जोधपुर का वार्षिक प्रतिवेदन सदन में प्रस्तुत करेंगे।
एसीजेएम कोर्ट की स्थापना की मांग पर याचिका दाखिल करेंगी… विधायक डॉ. शिखा मील बराला हड़ौता चारा मंडी के टेंडर में अनियमितताओं की जांच की मांग पर याचिका दाखिल करेंगी। विधायक अर्जुन लाल नगर कपासन के ग्राम भादसौड़ा में तोड़ी गई पानी की टंकी के पुनर्निर्माण के लिए याचिका लगाएंगे। विधायक संजीव कुमार भादरा में पीडब्लूडी के अधिशाषी अभियंता का कार्यालय खोलने को लेकर याचिका पेश करेंगे। विधायक डॉ. रितु बनावत रूपवास में एडीजे और एसीजेएम कोर्ट की स्थापना की मांग पर याचिका दाखिल करेंगी।
भूजल निकासी पर आएगा संशोधित विधेयक.. राजस्थान में भूजल संरक्षण और इसके उपयोग को नियंत्रित करने के लिए ‘राजस्थान भूजल (संरक्षण एवं प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक 2024’ को विधानसभा में पेश किया जाएगा। यह विधेयक पहले भी सदन में लाया गया था। लेकिन विरोध के कारण इसे प्रवर समिति को भेज दिया गया था। पिछली बार जब यह विधेयक चर्चा के लिए आया था, तब भाजपा के कई विधायकों ने इसे किसानों के हितों के खिलाफ बताते हुए विरोध किया था। राष्ट्रीय लोक दल और कांग्रेस के कुछ विधायकों ने भी इसमें संशोधन की मांग की थी। विधायकों का कहना था कि यह बिल आम जनता और किसानों के लिए परेशानी पैदा कर सकता है। इसके बाद सरकार ने इसे प्रवर समिति को भेज दिया था। अब सरकार इस विधेयक को जरूरी संशोधनों के साथ दोबारा सदन में रखेगी। इसके कानून बनने के बाद भूजल दोहन की दरें तय की जाएंगी और जल संसाधनों का उचित उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
दोनो विधेयकों पर आगे की प्रक्रिया.. दोनों विधेयकों पर विधानसभा में चर्चा हो रही है और बहस के बाद इन्हें पारित किया जा सकता है। कोचिंग सेंटर्स पर नए नियम लागू होने से विद्यार्थियों को सुरक्षित माहौल मिलेगा, जबकि भूजल संरक्षण पर सख्ती से जल संकट को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।