स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों को एक संदेश भेजा था। जिसमें कहा गया था कि होली के त्योंहार के करीब आने के साथ हम छात्रों से अनुरोध करते हैं कि वे स्कूल में रंग न लाएं। यह कदम सभी छात्रों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। यदि किसी छात्र के पास रंग पाया गया तो उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस नोटिस के बाद स्कूल प्रशासन के खिलाफ अभिभावकों और कई संगठनों ने आपत्ति जताई।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की और इसे भारतीय संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि होली भारत का प्रमुख त्योहार है और इसे मनाने से रोकना हमारी सांस्कृतिक पहचान पर चोट करने जैसा है। छात्रों को परीक्षा से वंचित करने की धमकी देना पूरी तरह अनुचित है। हम इस मामले को सीबीएसई में उठाएंगे और उचित कार्रवाई करेंगे। दिलावर ने कहा कि कोई भी शैक्षणिक संस्थान इस तरह के सांस्कृतिक प्रतिबंध नहीं लगा सकता। शिक्षा विभाग इस मामले की जांच करेगा और जरूरत पड़ने पर स्कूल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं स्कूल के इस फैसले से अभिभावकों में नाराजगी देखी जा रही है। कई संगठनों ने भी इस पर आपत्ति जताई है और स्कूल प्रशासन के फैसले को धार्मिक भेदभाव करार दिया है। सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द ही जांच के निर्देश दिए हैं।