विधायक अजय सिंह ने विधानसभा में कहा कि पुलिस अधीक्षक नागौर द्वारा थांवला पुलिस थाने में एएसआई सूरजमल को लगाया गया। थाने में पदस्थापन के कुछ समय बाद में एसएचओ सूरजमल बजरी माफिया से मिलकर अवैध बजरी खनन को प्रोत्साहन देने लगे और बदले में मोटी रकम प्राप्त करने लगे।
27 सितंबर 2024 को रियाबड़ी के सहायक वनपाल ने पुलिस थाना थावंला में नामजद लोगों के विरुद्ध लिखित रिपोर्ट दी थी कि वन क्षेत्र में फेंसिंग और सीमेंट पोल को क्षतिग्रस्त कर वन क्षेत्र में जेसीबी एवं डंपर और ट्रैक्टर-ट्रॉली द्वारा अवैध खनन किया जा रहा है।
ऐसे में थामला एसएचओ ने अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। बल्कि सहायक वनपाल के साथ दुर्व्यवहार किया, गाली गलौज की गई, उसे धमकाया गया। कहा कि अबकी बार शिकायत की तो तुझे ही बंद कर दूंगा। उसके बाद आज तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की हुई।
थावंला क्षेत्र के लोगों ने मुझे अवगत करवाया कि एसएचओ एक डंपर से 4 हजार से 5 हजार तक अवैध वसूली करता है। बजरी की ट्रैक्टर-ट्राली से मोटी रकम वसूल कर रहे हैं। प्रतिदिन सैकड़ो ट्रैक्टर-टॉली द्वारा अवैध खनन का व्यापार किया जा रहा है।
जब इस संबंध में मैंने व्यक्तिगत रूप से नागौर एसपी से बात की उनका जवाब था मैं खुद रिश्वत नहीं लेता, मैं खुद पैसे नहीं लेता। जिस पर मैंने कहा थानेदार लगातार अवैध बजरी खनन संरक्षण का कार्य कर रहा है और मोटी रकम ले रहा है। लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मेरे द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया। जिसके तत्पश्चात थांवला थानेदार को वहां से हटाया गया।
मुझे पता चला कि एसएचओ द्वारा मेरे क्षेत्र से कमाई गई रिश्वत की कमाई का इनवेस्ट भी मेरे क्षेत्र में बेनामी 35 बीघा जमीन खरीद कर किया गया है। मेरा सरकार से आग्रह है कि इसकी एसओजी से जांच करवाई जाए।