ग्रामीणों के मुताबिक, डॉक्टर डेथ यानी देवेंद्र शर्मा के जयपुर के दवा व्यापारी से भी लिंक थे। जयपुर के एसएमएस अस्पताल के सामने स्थित दवा व्यापारी से लगातार बड़ी मात्रा में दवा मंगवाता था। वह इन दवाओं को वृद्धाश्रम में ही स्टोर करता था, जिसके लिए डॉ. देवेंद्र और दवा व्यापारी ने एक फ्रीज और डीप फ्रीजर भी वृद्धाश्रम में रखा हुआ था।
ग्रामीणों ने क्या बताया
डॉक्टर डेथ की गिरफ्तारी के तुरंत बाद दवा व्यापारी ने दवा का स्टॉक वृद्धाश्रम से हटा लिया। हालांकि, डीप फ्रीजर अभी भी आश्रम में मौजूद है। ग्रामीणों ने बताया, वृद्धाश्रम के एक कमरे में दवा भरकर रखी गई थी। वृद्धाश्रम के सामने स्थित मकान में रहने वाले लोगों ने बताया कि वृद्धाश्रम में लाखों की दवाई का क्या काम? ये इशारा करता है कि डॉ. और दवा व्यापारी दोनों मिलकर कुछ ग़लत कर रहे थे।
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और क्या हुए खुलासे
-मेडिकल स्टोर संचालक से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया, उनकी दुकान का लाइसेंस मनीष शर्मा के नाम से है। डॉ. देवेंद्र शर्मा से उनकी जानकारी करीब आठ महीने पहले हुई थी।
-उस वक्त वह साधु के वेश में था और हमारी दुकान से कुछ सामान लेने आया था, उसके बाद लगातार डॉक्टर डेथ से हमारा संपर्क रहा।
-दवा के लेनदेन के बारे में इनकार कर दिया और बताया कि हमने कोई दवा की सप्लाई डॉ. देवेंद्र को नहीं की। हमने डॉक्टर देवेंद्र को वृद्धाश्रम के लिए चंदा दिया था।
रोडवेज बस से मंगवाता था दवाई
ग्रामीणों का आरोप है कि इतनी बड़ी मात्रा में दवा का स्टॉक वृद्धाश्रम में रखा जा रहा था, ये इशारा करता है कि या तो दवा की कालाबाजारी हो रही थी या फिर नकली दवा को ग्रामीण इलाके में खपाया जा रहा था। ग्रामीणों के मुताबिक, दवा व्यापारी ओमप्रकाश और डॉक्टर देवेंद्र के बीच मिलीभगत इस बात से भी पता चलती है कि भारत मेडिकल स्टोर से जो दवा डॉ. देवेंद्र शर्मा को भेजी जाती थी वो राजस्थान रोडवेज की बस के द्वारा भेजी जाती थी।