सीएस पंत ने भी जताई नाराजगी… मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जनवरी में आरएमसी के अधिकारियाें के साथ एक बैठक की थी। इस बैठक में जब आरएमसी की कार्यप्रणाली को देखो तो सीएस काफी नाराज दिखे थे। डॉक्टर्स के रजिस्ट्रेशन में देरी, लंबित शिकायतों का टाइम बाउंड निस्तारण नहीं करने पर सीएस ने इनकी रिपोर्ट कौंसिल रजिस्ट्रार से 31 मार्च तक भेजने के निर्देश दिए थे।
खुद का लाईसेंस नहीं, दूसरे की जांच का जिम्मा… बता दें कि डॉ. गोयल को सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में आरएमसी का कार्यवाहक रजिस्ट्रार बनाया। इस कौंसिल का काम प्रदेश में प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टर्स का नया रजिस्ट्रेशन और पुराना रजिस्ट्रेशन रिन्यू करने के साथ डॉक्टरों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों पर नियमानुसार एक्शन लेना है। लेकिन इस पद पर नियुक्त किए डॉक्टर गोयल ने खुद अपना रजिस्ट्रेशन करीब 7 साल से ज्यादा समय तक रिन्यू नहीं करवाया और अवैधानिक तरीके से प्रेक्टिस की।
शिकायत के बाद भी नही लिया एक्शन… डॉ. गोयल के मामले में 16 जनवरी 2024 को एक लोकेश कुमार नाम के व्यक्ति ने शिकायत दी थी। इस शिकायत में डॉ. गोयल की डिग्री की जांच करने और पंजीयन के नवीनीकरण नहीं करवाने का जिक्र किया था। ये शिकायत राजस्थान मेडिकल कौंसिल में ही की गई थी। तब कौंसिल प्रशासन ने इस संबंध में डॉ. गोयल पर नियमानुसार कार्यवाही के लिए 18 जनवरी 2024 को एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल को लिखा था। क्योंकि उस समय डॉ. गोयल एसएमएस हॉस्पिटल में ही प्रेक्टिस कर रहे थे। लेकिन तत्कालीन प्रिंसिपल ने कोई एक्शन नहीं लिया। इस शिकायत के बाद न तो एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कोई एक्शन लिया और न सरकार के स्तर पर हुआ। बल्कि सरकार ने एक्शन लेने के बजाए डॉ. गोयल को 22 जनवरी 2024 को एसएमएस हॉस्पिटल में ही अतिरिक्त अधीक्षक पद की जिम्मेदारी और सौंप दी। जिसे लेकर अब डॉ गिरधर गोयल सवालों के घेरे में आ गए है। जिसके चलते अब सरकार की ओर से बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।