चिकित्सालय की हकीकत जानने पत्रिका संवाददाता मौके पर पहुंचा तो 4 चिकित्सक और 5-6 कर्मचारी बैठे मिले। बुजुर्गों की विशेष चिकित्सा इकाई में दो मरीज दिखाने आए हुए थे। वहीं तीन मरीज पंचकर्म करवाने के लिए बैठे थे। प्रधान चिकित्सा अधिकारी अपने चैम्बर में एक मरीज को देख रहे थे। पहली मंजिल पर पंचकर्म इकाई में तीन मरीज बाहर बैठे मिले, जबकि एक मरीज पंचकर्म करवा रहा था। चिकित्सक से पूछने पर बताया कि आज पंचकर्म के लिए 9 मरीज आए हैं। बाकी पूरा अस्पताल खाली मिला। अस्पताल में शल्य चिकित्सा की सुविधा भी है, जहां पाइल्स के ऑपरेशन होते हैं, लेकिन चिकित्सक व मरीज नहीं होने से शल्य चिकित्सा इकाई के ताले लगे मिले। वहीं आंचल प्रसूता इकाई की सुविधा भी है, जिसमें गर्भवती महिलाओं को पोषण सामग्री देने के साथ दवाइएं भी दी जाती हैं, लेकिन उसके भी ताले लगे मिले। पूछने पर चिकित्सकों ने बताया कि डॉक्टर छुट्टी पर है। वहीं औषध भंडार कक्ष पर भी ताला लगा था। यहां महिला व पुरुषों के अलग-अलग वार्ड हैं, लेकिन मरीज नहीं होने वे बंद थे। चिकित्सालय में 5 कॉटेज वार्ड भी हैं, लेकिन मरीज नहीं होने से वे भी बंद पड़े हैं।
प्राकृतिक चिकित्सा ओपीडी में सिर्फ योग यहां आयुर्वेद के साथ प्राकृतिक चिकित्सा और यूनानी चिकित्सा की सुविधा भी है। प्राकृतिक चिकित्सा आउटडोर में लोगों को सिर्फ योग आसन ही करवाए जाते हैं, जबकि प्राकृतिक चिकित्सा इकाई भी बंद पड़ी है। दानदाताओं ने यहां पलंगों की व्यवस्था कर रखी है। इसके अलावा यहां सर्वांग मिट्टी लेप, विसर्जन स्नान, रीढ़ स्नान जैसी सुविधाएं हैं, लेकिन मरीज नहीं आने से यह इकाई बंद मिली।
…. मैं पिछले 15 दिन से यहां पंचकर्म करवाने आ रहा हूं। यहां भीड़ नहीं है, थोड़ी देर में ही नंबर आ जाता है। कई बार तो आते ही नंबर आ जाता है।
कन्हैयालाल चौबे, दिल्ली बाइपास …. चिकित्सालय में अभी 8 चिकित्सक हैं। यहां आयुर्वेद के साथ यूनानी व प्राकृतिक चिकित्सा की भी सुविधा है। 15 नर्स व कंपाउंडर के पद हैं, जिसमें से 6 ही कार्यरत हैं। रोजाना औसतन 50 से 60 मरीज आते हैं।
डॉ. छोटेलाल चेतीवाल, प्रधान चिकित्सा अधिकारी