scriptजयपुर बम ब्लास्ट में सिर से उठा था पिता का साया, 16 साल बाद लौटेगी मुस्कान की जिंदगी में खुशियां; पूरा शहर बनेगा गवाह | Father Shadow Lost in Jaipur Bomb Blast 16 Years Later Muskan Life Returns to Joy The Entire City Will Be a Witness | Patrika News
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जयपुर बम ब्लास्ट में सिर से उठा था पिता का साया, 16 साल बाद लौटेगी मुस्कान की जिंदगी में खुशियां; पूरा शहर बनेगा गवाह

Jaipur Bomb Blast Case: बम धमाकों के पीड़ित परिवारों की गोद ली गई दस में से नौ बेटियों का विवाह हो चुका है।

जयपुरJan 03, 2025 / 08:52 am

Alfiya Khan

-jaipur-bomb-blast muskan married
जयपुर। अथाह दर्द…, संघर्ष… और पीड़ा के करीब 16.5 साल बाद वर्ष 2025 नाड़ी का फाटक निवासी मुस्कान तंवर के लिए नई उम्मीद और खुशियों की सौगात लाया। वर्ष 2008 में जयपुर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में पिता को खोने वाली मुस्कान की शादी 16 जनवरी को आमेर, कुंडा में होगी।
राजस्थान प्रदेश पंजाबी महासभा, सर्वमंगल सेवा समिति तथा आर्य समाज, आदर्श नगर की ओर से होने वाली जयपुर की बेटी की शादी का गवाह पूरा जयपुर बनेगा। सर्वसमाज के लोग इस आयोजन में शामिल होंगे। शादी के लिए गुरुवार को मोती डूंगरी स्थित गणेश मंदिर में भगवान गणेश को निमंत्रण दिया गया।
मुस्कान ने पत्रिका को बताया कि 13 मई, 2008 को हुए बम धमाकों में पिता घनश्याम सिंह तंवर को खो दिया। इस घटना ने परिवार का सब कुछ तबाह कर दिया था। उसके बाद जैसे-तैसे स्वयं और परिवार को संभाला। अब घर में शहनाई गूंजने की खबर के साथ खुशी का माहौल है।

नौ बेटियों का विवाह

संस्था के अध्यक्ष रवि नैयर ने बताया कि बम धमाकों के पीड़ित परिवारों की गोद ली गई दस में से नौ बेटियों का विवाह हो चुका है। अब दसवीं बेटी मुस्कान के विवाह की तैयारी है। शादी के कार्ड छप चुके हैं। महामंत्री संजीव नारंग ने बताया कि पदाधिकारी और परिवारजन शादी की खरीदारी में जुटे हैं। इसी क्रम में मुस्कान के साथ प्रथम पूज्य को पहला कार्ड अर्पित किया। नैयर ने कहा कि शादी का जोड़ा, कपड़े और दुल्हन के साज शृंगार की सारी जिम्मेदारी पत्नी पारुल ने ली है।

सभी भाई-बहनों को दिलाई बेहतर शिक्षा

मुस्कान ने बताया कि पिता एक साड़ी स्टोर पर काम करते थे। घटना वाले दिन वे शाम को सांगानेरी गेट स्थित हनुमान मंदिर में प्रसाद चढ़ाने गए थे, तभी बम धमाका हुआ। परिवार में मां और चार भाई बहन है। सबसे बड़ी होने के कारण उन्होंने सभी भाई-बहनों को बेहतर शिक्षा दिलाई। नैयर ने बताया कि अब तक राजपूत, सिंधी व मुस्लिम परिवारों की बेटियों की शादी हो चुकी है। आज तक सबसे एक परिवार के समान रिश्ता है।

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