scriptHigher Education: राज्यपाल की खरी-खरी, राजस्थान में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के लिए महाराष्ट्र की तर्ज पर लागू हो सख्ती | Higher Education: Governor's frank words, strictness should be implemented on the lines of Maharashtra for the quality of higher education in Rajasthan | Patrika News
जयपुर

Higher Education: राज्यपाल की खरी-खरी, राजस्थान में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के लिए महाराष्ट्र की तर्ज पर लागू हो सख्ती

Quality Education in Rajasthan: उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष जोर, केवल नामांकन व परीक्षा नहीं, शिक्षा का उद्देश्य व्यापक हो।

जयपुरJul 17, 2025 / 04:56 pm

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राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने आज राजभवन में विश्वविद्यालयों की नेक एक्रीडेशन और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर एक विशेष समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। फोटो-पत्रिका।

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने आज राजभवन में विश्वविद्यालयों की नेक एक्रीडेशन और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर एक विशेष समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। फोटो-पत्रिका।

Higher Education In Rajasthan: जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने आज राजभवन में विश्वविद्यालयों की नेक एक्रीडेशन और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर एक विशेष समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि केवल नामांकन लेना और परीक्षाएं कराना ही किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान का उद्देश्य नहीं होना चाहिए, बल्कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण, समसामयिक और युगानुकूल शिक्षा प्रदान करना मुख्य ध्येय होना चाहिए।

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राज्यपाल ने स्पष्ट​ शब्दों में महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां उन कॉलेजों को बंद कर दिया गया है, जहां गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने की क्षमता नहीं है। इसी प्रकार राजस्थान में भी केवल वही संस्थान शिक्षा की अनुमति प्राप्त करें, जो योग्य प्रोफेसर, बुनियादी सुविधाएं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था उपलब्ध कराएं।
राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तकों के दायरे से बाहर निकालकर उन्हें परिवेश, समकालीन मुद्दों और प्राचीन भारतीय ज्ञान से जोड़ा जाए। उन्होंने शिक्षकों को विद्यार्थियों की बौद्धिक और शारीरिक क्षमता के विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कॉपी करके पास होने की प्रवृत्ति को हतोत्साहित करते हुए कहा कि शिक्षा को व्यवहारिक और जीवनोपयोगी बनाया जाए।
उन्होंने विश्वविद्यालयों से नेक एक्रीडेशन की दिशा में तेज़ी से कार्य करने का आह्वान किया और राजस्थान विश्वविद्यालय की उपलब्धि की सराहना की।

राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थी किसी शिक्षण संस्थान का प्रोडक्ट होता है, और उसकी गुणवत्ता संस्थान की साख को दर्शाती है। अगर उत्पाद अच्छा नहीं है, तो यह संस्था की विफलता मानी जानी चाहिए। उन्होंने इंजीनियरिंग और कृषि शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक दक्षता बढ़ाने वाले पाठ्यक्रमों को भी बढ़ावा देने की बात कही।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव कुलदीप रांका ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों की स्थिति और नेक रैंकिंग की प्रगति पर प्रस्तुति दी। वहीं, अतिरिक्त मुख्य सचिव संदीप वर्मा ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षक और नियमित नियुक्तियां ही शिक्षा संस्थानों की साख बढ़ाएंगी।
चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने जानकारी दी कि बाड़मेर और जोधपुर के मेडिकल कॉलेजों में अब एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों में करवाई जा रही है। बैठक में राजभवन सचिवालय से डॉ. पृथ्वी सहित विश्वविद्यालयों के अधिकारी भी मौजूद रहे।

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