हेमंत प्रियदर्शी ने कहा कि इन दिनों एक साईबर अपराध काफी चर्चा में है और काफी लोगों के साथ हो रहा है। अनजान व्यक्ति आपको व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस पर फोटो, ऑडियो या वीडियो या लिंक भेजता हैं। आप जैसे ही उस इमेज या ऑडियो आदि को ओपन या प्ले करते हैं, उसी वक्त आपके फोन का एक्सेस साईबर अपराधी के पास चला जाता है, यानी कि आपका फोन हैक हो जाता है। इस संदर्भ में पुलिस मुख्यालय की साइबर विंग द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है।
पुलिस मुख्यालय के साइबर कमांडो महेश कुमार ने बताया कि फोन हैक होने के बाद आपके मैसेज और कॉल आदि को साईबर अपराधी द्वारा अन्य नंबरों पर फॉरवर्ड कर दिया जाता है और फॉरवर्ड मैसेज आदि से प्राप्त ओटीपी को काम में लेकर आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकाले जा सकते हैं या फिर कोई ऐसा कोड छुपा हुआ होता है जिससे आपके फोन में कोई एपीके फाइल डाउनलोड हो जाती है ।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर एक फोटो डाऊनलोड करके देखने से या ऑडियो सुनने से फोन हैक कैसे किया जा सकता है? तो हम आपको बता दें कि इसके पीछे एक तकनीक कार्य करती है जिसे स्टेग्नोग्राफ़ी (Stegnography) कहा जाता है। स्टेग्नोग्राफ़ी का अर्थ होता है- छुपाकर लिखना।
मैंलिशियस कोड वाली फोटो/वीडियो
स्टेग्नोग्राफ़ी में किसी संदेश या मैलिशियस फ़ाइल को किसी दूसरी फ़ाइल जैसे किसी फोटो या ऑडियो आदि के पीछे इस तरह छुपाया जाता है कि देखने वाले को पता ही न चले कि उसमें कोई कोड या कोई डेटा भी छुपा हुआ है। इसमें सूचना को इस तरह से हाईड किया जाता है कि उसका अस्तित्व ही नजर न आए। जैसे ही आप उस फोटो और वीडियो को डाउनलोड करते हैं वह कोड आपके फोन में सक्रिय हो जाता है और ठग को आपके डिवाइस का एक्सेस मिल जाता है। जिसमें वह आपके फोन का डाटा व निजी जानकारी को पूरी तरह नियंत्रित कर सकते हैं।
फिशिंग लिंक्स क्या होता है?
ठग फर्जी ईमेल या मोबाइल पर मैसेज भेजते हैं। जिसमें आकर्षक ऑफर लॉटरी जीतने का दावा या किसी सरकारी योजना का लालच दिया जाता है। इन मैसेज में एक लिंक होता है जिस पर क्लिक करने को कहा जाता है। लिंक पर क्लिक करते ही आप एक नकली वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं जो देखने में असली लगती है। जैसे बैंक की वेबसाइट, सरकारी पोर्टल या इ-कॉमर्स साइट। यहां आपसे आपकी व्यक्तिगत जानकारी बैंक विवरण, पासवर्ड या ओटीपी मांगा जाता है। जैसे ही आप यह जानकारी डाल देते हैं वह ठगों के पास पहुंच जाती है और वह आपके खातों में से पैसे उड़ा सकते हैं
सोशल मीडिया डाउनलोडिंग स्कैम
आजकल यह साइबर धोखाधड़ी करने का एक आम तरीका बन गया है। ठग आपको एक किसी व्यक्ति की फोटो भेजते हैं, इसमें आपको उस फोटो को पहचानने के लिए कहा जाता है। जैसे ही आप उस फोटो को डाउनलोड करते हैं आपके मोबाइल और पूरे एकाउंट का कंट्रोल हैकर के पास चला जाता है
साइबर अपराध से बचने के उपाय
1. अनजान व्यक्ति से प्राप्त मैसेज चाहे किसी भी फॉर्मेट (image, ऑडियो, वीडियो, पीडीएफ या apk) में हों को कभी भी सीन या डाउनलोड नहीं करना है। 2. जो ऐप आप इस्तेमाल कर रहे हैं उसकी मीडिया सेटिंग्स में जाकर मीडिया ऑटो डाउनलोड (when using Mobile Data/ when connected on Wi-fi/When Roaming) को हमेशा ऑफ रखें। 3. अगर गलती से इमेज आदि को डाउनलोड कर लेते हैं तो अपने मोबाइल में देखें कि कोई अवांछित एप्लीकेशन तो डाउनलोड नहीं हुई। 4. अपने सभी सोशल मीडिया और बैंक खातों पर टू-स्टेप वेरिफिकेशन (या टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन) को सक्षम करें।
5. अपने मोबाइल और अन्य उपकरणों के ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स को हमेशा अपडेट रखें, क्योंकि अपडेट में सुरक्षा पैच शामिल होते हैं।
अगर आपके साथ किसी भी प्रकार का साईबर अपराध हो जाता जाता है तो इसकी शिकायत साईबर अपराध हेल्प लाइन नंबर 1930 पर या
http://cybercrime.gov.in पर तुरंत करे।