कार्यशाला का उद्देश्य रीको अधिकारियों की कार्यकुशलता को बढ़ाना और औद्योगिक सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाना था। इसमें भूमि आवंटन प्रक्रिया, रीको डिस्पोजल ऑफ लैंड रूल्स, औद्योगिक क्षेत्र योजना, आई.टी. व ईआरपीमॉड्यूल्स का उपयोग, कानूनी प्रावधानों, वित्तीय रिपोर्टिंग तथा इन्वेस्टर्सफैसिलिटेशन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत चर्चा की गई।
कार्यशाला में बताया गया कि “राइजिंगराजस्थान” के तहत रीको द्वारा 4720 एमओयू निष्पादित किए जा चुके हैं। इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारना रीको की शीर्ष प्राथमिकता है।
इसके लिए “प्रत्यक्ष भू-आवंटन योजना-2025” के द्वितीय चरण के तहत 28 मई तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रत्येक एमओयू धारक से व्यक्तिगत संपर्क कर आवेदन के लिए प्रेरित करें।
इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्रों के समुचित रखरखाव, आवंटियों की समस्याओं के त्वरित समाधान, पर्यावरण प्रबंधन तथा निवेशकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए “बेस्टप्रैक्टिसेज़” साझा की गईं। कार्यशाला के अंत में उपस्थित अधिकारियों से फीडबैक व सुझाव आमंत्रित किए गए, ताकि रीको की कार्यप्रणाली में आवश्यक सुधार कर भविष्य में औद्योगिक निवेश को और अधिक आकर्षक बनाया जा सके।