scriptसोशल मीडिया पर दोस्ती… बच्चों की जिंदगी पर भारी; सोशल मीडिया पर ऐसी रील्स देखकर भटक रहे मासूम | International Missing Children's Day Friendship on social media is harmful for children life | Patrika News
जयपुर

सोशल मीडिया पर दोस्ती… बच्चों की जिंदगी पर भारी; सोशल मीडिया पर ऐसी रील्स देखकर भटक रहे मासूम

पुलिस की जांच में नाबालिगों के घर छोड़ने के अधिकतर प्रकरण में दो अहम कारण सामने आए हैं। पहला कारण प्रेम प्रसंग है।

जयपुरMay 25, 2025 / 02:49 pm

Anil Prajapat

photo-ai

AI-Generated- प्रतीकात्मक तस्वीर

कैलाश बैराला
चौमूं। सोशल मीडिया का बढ़ता प्रभाव, माता-पिता की अनदेखी और भावनात्मक उपेक्षा किशोरों के लिए भटकाव का कारण बन रही है। चौमूं और गोविंदगढ़ सर्किल में पिछले तीन वर्षों में 100 से अधिक नाबालिगों के लापता होने के मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से अधिकांश को पुलिस ने दस्तयाब कर परिजनों से मिलवा दिया, लेकिन ये घटनाएं अभिभावकों और समाज के लिए एक गंभीर संकेत हैं, लेकिन छोटी उम्र के बच्चों के घर छोड़ कर भागने के केस बढ़ते जा रहे हैं।

संबंधित खबरें

पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि सोशल मीडिया से भ्रमित, परिजनों का नजरअंदाज करना और एकल परिवार होने के कारण कम उम्र के बच्चों की गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं लग पा रहा है। यही कारण है कि बच्चे घर छोड़ कर भाग रहे हैं। पुलिस की जांच में नाबालिगों के घर छोडऩे के अधिकतर प्रकरण में दो प्रमुख कारण सामने आए हैं। पहला कारण प्रेम प्रसंग है और दूसरा कारण परिजनों का डांटना। हालांकि पुलिस ने अभियान चला कर कई परिवारों की खुशियां वापस भी कराई है।(कासं.)

रील और रियल लाइफ की समझ नहीं

गोविंदगढ़ डीएसपी राजेश जांगिड़ ने बताया कि सोशल मीडिया पर अश्लील रील्स वगैरह बढ़ते बच्चों में भटकाव हो रहे हैं। बच्चे रील और रियल लाइफ की समझ नहीं रख रहे हैं। बच्चे देर रात तक चैटिंग में लगे रहते हैं। मम्मी-पापा न देख पाएं। इसलिए चैट को डिलिट या हिडेन मोड़ में डाल देते हैं। चैट में बच्चे बच्चियों में जो संवाद होता है उसे ही सच मान लेते है। अभिभावकों को जागरुक होने की जरूरत है। बच्चे अगर बेवजह नई-नई चीजों की डिमांड करें तो वजह जानने की कोशिश करें।

घर वालों ने लगाई फटकार

16 वर्षीय मोनू (परिवर्तन नाम) पढाई में तेज था। सोशल मीडिया चस्क लगा और गेम खेलने लगा। धीरे-धीरे पढ़ाई कम कर दी। घर वालों ने डाट फटकार लगाई तो घर से लापता हो गया। पुलिस ने उसे दस्तयाब कर परिजनों के सुपुर्द किया।

सोशल मीडिया पर दोस्ती, फिर…

17 वर्षीय कोमल(परिवर्तन नाम) सोशल मीडिया पर एक युवक से उसकी दोस्ती हो गई। कुछ दिन चैटिंग में लगे रहे। इसके बाद मिलना शुरू कर दिया, लेकिन परिजनों को भनक नहीं लगी। एक दिन मौका पाकर लापता हो गई। हालांकि बाद में पुलिस ने दस्तयाब कर लिया।

कमिश्नरेट : चौमूं पुलिस थाना

गुमशुदा होने प्रकरण दर्ज: 56
नाबालिग लडकी लापता: 35
दस्तयाब : 34
नाबालिक लड़के लापता: 21
दस्तयाब : 21

गोविंदगढ़ डीएसपी सर्किल

गुमशुदा होने के प्रकरण दर्ज: 68
नाबालिग लडक़ी लापता: 53
दस्तयाब : 51
नाबालिग लडक़े लापता: 18
दस्तयाब : 18
यह भी पढ़ें

राजस्थान में सौतेले पिता ने नाबालिग से मां-बहन के सामने की हैवानियत, फिर 4 दोस्तों को सौंपा

वर्ष 2022 से अब तक 121 नाबालिग दस्तयाब

चौमूं थाना प्रभारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि चौमूं थाने में 2022 में से अब तक 56 नाबालिग बच्चों के लापता केस हुए। जिनमें एक शेष रहा है। सभी को दस्तयाब कर लिया है। परिजनों को इस चकाचौंध के दौर में बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है।
चौमूं एवं गोविंदगढ़ सर्किल से मिले आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 से लेकर अब तक 121 बच्चों को जिले, पड़ोसी जिले और अन्य राज्यों से दस्तयाब कर सकुशल घर वापस लौटाया गया है। जिन नाबालिगों को दस्तयाब किया, उसमें 39 बालक व 86 बालिका शामिल है।

Hindi News / Jaipur / सोशल मीडिया पर दोस्ती… बच्चों की जिंदगी पर भारी; सोशल मीडिया पर ऐसी रील्स देखकर भटक रहे मासूम

ट्रेंडिंग वीडियो