JLF 2025 : आर्थिक पहलुओं को आसानी से समझें इसलिए बनाए कैरेक्टर, युवाओं के लिए है बुक
Jaipur Literature Festival 2025 : गरीबी किसी एक देश की नहीं, बल्कि विश्व की समस्या है। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में चारबाग में पूअर इकॉनोमिक्स फॉर द यंग सेशन में एस्थर डुफ़्लो और चेयेन ओलिवियर से मंदिरा नायर की बातचीत। इस बातचीत में आर्थिक विषय को लेकर कई अहम बातें सामने आईं।
Jaipur Literature Festival 2025 : गरीबी किसी एक देश की नहीं, बल्कि विश्व की समस्या है। आर्थिक रूप से सम्पन्न देश भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं। यह बात बुक की चर्चा के दौरान आई। एस्थर डुफ़्लो ने कहा कि बुक को सरल और संक्षिप्त रूप से तैयार किया गया है। इसे विशेष रूप से युवाओं के लिए तैयार किया गया है। ताकि वे गरीबी, विकास और समाज के आर्थिक पहलुओं को अच्छे से समझ सकें।
इस किताब में करीब 50 करैक्टर हैं। बच्चों के लिए बनाई गई हैं, उनको आसानी से समझ में आ सके। इसके लिए वाइब्रेंट कलर से कार्टून को सजाया गया। कार्टून के नाम रखते समय यह भी ध्यान रखा गया है कि कोई कल्चर की झलक न दिखाई दे। इस बुक को ग्लोबल प्रॉपर्टी बनाने का प्रयास किया है। इसमें चेयेन ओलिवियर ने काफी मदद की है। इस किताब को अंग्रेजी के अलावा छह अन्य भाषाओं में लॉन्च किया गया है।
शोध और प्रयोगों के परिणामों को सरल भाषा में समझाया
डिस्क्सन में एस्थर डुफ़्लो ने कहा कि गरीबी और असमानता को सुलझाने के लिए शोध और प्रयोगों के परिणामों को सरल भाषा में समझाया है। बुक में बताया गया है कि गरीबों के लिए सबसे प्रभावी समाधान क्या हो सकते हैं।
चेयेने ओलिवियर ने मंदिरा के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इस बुक में 10 कहानियां हैं। हर करैक्टर की अपनी कहानी है। अपने बारे में भी सोचता है। बातचीत के दौरान उन्होंने इस लडकी और एक डॉक्टर की कहानी के बारे में भी बताया।
बातचीत में वक्ताओं ने कहा कि कार्टून के माध्यम से बच्चों को समझाने का प्रयास किया है। पलायन, हीट वेव से लेकर पेड़ों की कटाई से हो रहे पर्यावरण को नुकसान पर भी चर्चा हुई। इसमें दो बेस्ट फ्रेंड की कहानी भी बताई। इनमें से एक शहर जाकर अपनी लाइफ को बेहतर बनाना चाहता है, लेकिन वो वहां परेशान हो जाता है। क्योंकि उसे कंस्ट्रक्शन साइट पर सोना पड़ रहा है। जिस खुशी से आया था वो खत्म हो जाती है। वहीं, दूसरा दोस्त जो डर की वजह से शहर नहीं आना चाहता और जब वो आता है और सिटी में उसे प्यार मिलता है और वो आसानी से रह जाता है।
पलायन को लेकर सुंदरवन की घटना का जिक्र करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जब सुंदरवन में साइक्लोन आया तो लोगों ने वहां से माइग्रेट करना शुरू कर दिया। क्योंकि उनका सब कुछ तबाह हो चुका था। घर और नाव तक नहीं बची थी। जीवनयापन करने के लिए मजबूरी में इन लोगों ने अपना घर छोड़ा।