इस बार फेस्टिवल की थीम ‘उत्सव’ रखी गई है, जिसके तहत पूरे आयोजन स्थल को विशेष सजावट से संवारा गया है। इस वर्ष फूड सबसे प्रमुख विषय रहेगा, साथ ही म्यूजिक, बायोग्राफी, इतिहास, पर्यावरण, गणित, वेस्ट एशिया, जियोपॉलिटिक्स, थिएटर और कविता पर भी कई सत्र आयोजित किए जाएंगे।
राजस्थानी लेखक भी शामिल होंगे
फेस्टिवल के आयोजक संजय रॉय ने बताया कि इस साल 200 से अधिक राजस्थानी लेखक और कलाकार भी भाग लेंगे। इस बार जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में 40 मिलियन लोगों तक डिजिटल माध्यम से पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है।
संजय रॉय ने बताया कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल पिछले 18 वर्षों से वैश्विक बौद्धिक समुदाय का प्रमुख मंच बना हुआ है। हर साल यहां साहित्य, राजनीति, विज्ञान और कला जगत की नामचीन हस्तियां विविध दृष्टिकोणों के साथ मंच पर आती हैं और लोकतांत्रिक तरीके से अपने विचार साझा करती हैं।
कहा कि इस साल भी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल एक ऐतिहासिक और यादगार आयोजन होने जा रहा है, जिसमें दुनियाभर के लेखकों, विचारकों और साहित्य प्रेमियों को एक साथ आने का अवसर मिलेगा।
पत्रकारिता पर होगा विशेष सत्र
बताते चलें कि पत्रकारिता से जुड़े लोगों के लिए एक खास सत्र आयोजित किया जाएगा।30 जनवरी को सूर्यमहल में दोपहर 2 बजे ‘द लेंड ऑफ ब्रोकन प्रोमिसेज’ सेशन आयोजित होगा। इसमें इजरायली पत्रकार गिदोन लेवी पत्रकारिता और मीडिया की चुनौतियों पर चर्चा करेंगे। आयोजकों ने बताया कि यह सत्र युद्ध और संकटग्रस्त क्षेत्रों में रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों के लिए बेहद उपयोगी होगा।
विशेष आकर्षण- सुधा मूर्ति का सत्र
बता दें, इस साल कई चर्चित हस्तियां फेस्टिवल में शिरकत करेंगी। खास आकर्षणों में सुधा मूर्ति और उनकी बेटी अक्षिता मूर्ति का विशेष सत्र रहेगा, जिसमें यूके की फर्स्ट लेडी अक्षिता मूर्ति अपनी मां सुधा मूर्ति का इंटरव्यू लेंगी। इस दौरान इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति भी मौजूद रह सकते हैं।
इसके अलावा, क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ, संगीतकार कैलाश खेर, थिएटर कलाकार डेविड विलियम्स, लेखक बिलियम डेलियम, और अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां भी अपने विचार साझा करेंगी।
इस बार टिकट दरों में हुई कटौती
इस बार आयोजन को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए टिकट दरों में कमी की गई है। साथ ही, सभी सत्रों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा, ताकि दुनियाभर के साहित्य प्रेमी इससे जुड़ सकें।