लगभग 260 बीघा भूमि पर हो गया था अतिक्रमण
न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह और न्यायाधीश प्रमिल कुमार माथुर की खंडपीठ ने केन्द्र सरकार की अपीलों को बुधवार को मंजूर कर लिया। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी ने सेना की ओर से कोर्ट को बताया कि
जयपुर रियासत की तत्कालीन फौज राजपूताना लांसर की 3600 बीघा भूमि 1950 में रक्षा विभाग को मिल गई, जो सेना के रिकॉर्ड में दर्ज हो गई। इसके बाद जगन्नाथपुरा व खातीपुरा गांव की लगभग 260 बीघा भूमि पर अतिक्रमण हो गया, जिस पर दिसम्बर 1972 में सेना ने कब्जा ले लिया।
अतिक्रमियों के पास ठोस साक्ष्य नहीं
राजदीपक रस्तोगी ने हाईकोर्ट को बताया कि सार्वजनिक भूमि अतिक्रमण निषेध अधिनियम के आदेश को राजस्व न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती। इस मामले में न तो सेना के रिकॉर्ड को चुनौती दी गई और न ही इस भूमि को लेकर अतिक्रमियों के पास ठोस साक्ष्य है।
उपखंड कोर्ट से राजस्व मंडल तक राहत नहीं
सेना के बेदखली के आदेश उपखंड अधिकारी न्यायालय में चुनौती दी गई, अतिक्रमियों के पक्ष में आदेश हुआ। सेना ने राजस्व अपीलीय अधिकारी से राजस्व मंडल और हाईकोर्ट की एकलपीठ तक चुनौती दी, लेकिन राहत नहीं मिली। 2005 से मामला हाईकोर्ट की खंडपीठ में था।