भजनलाल सरकार ने 14 जनवरी को 17 मंत्रियों को सरकारी बंगले आवंटित किए थे। इसके बाद 9 फरवरी को 6 अन्य मंत्रियों को भी सरकारी आवास प्रदान किए गए। किरोड़ी लाल मीणा भी उन्हीं में शामिल थे। जिन्होंने स्वयं इस बंगले के लिए आवेदन किया था। बंगला पहले पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के परिवार के पास था, लेकिन सरकार ने इसे मंत्री के लिए आवंटित कर दिया। हालांकि अब मीणा ने स्वयं इसका आवंटन रद्द करवाने की पहल की थी।
बता दें कि विधानसभा चुनाव के बाद से किरोड़ी लाल मीणा लगातार अपनी ही सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने भजनलाल सरकार के सवा साल के कार्यकाल में कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे वह लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। मीणा ने अपनी ही सरकार पर फोन टैपिंग और जासूसी कराने के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दो बार बयान दिया कि उनके फोन टैप किए जा रहे हैं और सीआईडी उनके पीछे लगी हुई है। इस मुद्दे पर बीजेपी ने उन्हें नोटिस भी जारी किया था।
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा था कि मेरे पीछे सीआईडी लगी हुई है। मुझे नोटिस भी मिला है। पहले जो अधिकारी थे, जब मैं आंदोलन करता था, तो मेरी जासूसी करते थे और मेरा फोन टैप करते थे। उनके इन बयानों के बाद राजस्थान की राजनीति में हलचल तेज हो गई। पार्टी के भीतर भी उनके बयानों को लेकर असंतोष देखने को मिल रहा है। बंगला आवंटन रद्द होने के मामले को भी इसी घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है।