CM को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए- गहलोत
दरअसल, जयपुर में प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि मेरी सरकार में भी फोन टैपिंग के आरोप लगे थे, पूरा विपक्ष इस्तीफा मांग रहा था। मैंने खुद खड़े होकर कहा था कि कोई भी विधायक, मंत्री या किसी का भी फोन टैप नहीं हुआ है और ना होगा। उन्होंने कहा कि भजनलाल सदन के नेता हैं, मुख्यमंत्री हैं और गृहमंत्री भी हैं, उनको मेरी तरह बात कहने का भाव क्यों नहीं आया? अशोक गहलोत ने कहा कि अब जब भाजपा सरकार में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने ऐसा ही आरोप लगाया है, तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी जवाब देना चाहिए। अगर फोन टैप नहीं हुआ, तो उन्हें विधानसभा में आकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, जिससे यह विवाद समाप्त हो।
अशोक गहलोत ने कहा कि फोन टैप की परंपरा राजस्थान में नहीं रही है, कानून भी परमिशन नहीं देता है। एंटी सोशल एलिमेंट्स हो या जिन पर राजद्रोह का काम करने का आरोप हो उनके फोन टैप होते हैं। इसमें भी कोई अधिकारी फोन टैप नहीं कर सकता है, मिनिस्टर से परमिशन लेनी पड़ती है। इस केस में आउट ऑफ वे जाकर टेलीफोन टैप हुआ है, तो क्राइम सरकार ने किया है, इसको स्पष्ट कौन करेगा? इसका जवाब मुख्यमंत्री दें।
सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए- पायलट
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी बुधवार को इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि फोन टैपिंग बहुत गंभीर अपराध है। चाहे यह पहले हुआ हो या अब हो रहा हो, इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। कोई भी दोषी हो- नेता, अफसर या पुलिस अधिकारी, सबके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। पायलट ने आगे कहा था कि जब कोई विपक्ष का नेता या आम आदमी आरोप लगाता है, तब सरकार सफाई देती है। लेकिन अब तो खुद कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा कह रहे हैं कि उनका फोन टैप किया जा रहा है। ऐसे में सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन संगठन ही अपने मंत्री से जवाब मांग रहा है। यह अपने आप में विरोधाभासी है।
किरोड़ी ने लगाए थे फोन टैपिंग के आरोप
बताते चलें कि कुछ दिन पहले किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि भाजपा नेताओं के फोन कॉल्स सुनकर उन्हें टारगेट किया जा रहा है। उनके इस बयान पर कांग्रेस ने विधानसभा में सरकार को घेरा। इस पर भाजपा हाईकमान सक्रिय हुआ और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने राजस्थान भाजपा नेतृत्व से चर्चा की। इसके बाद ही पार्टी ने उन्हें नोटिस भेजा।