लड़कियों की नाभि पर ये क्या बोल गए प्रदीप मिश्रा ? तुलसी की जड़ से कर दी तुलना, सोशल मीडिया पर मचा बवाल
प्रदीप मिश्रा ने अपने कथा के दौरान कहा कि ‘जिस तरह से तुलसी की जड़ बाहर दिखने पर सूख जाती है, उसी तरह से लड़कियों की नाभि उनकी जड़ है और यह जितनी ढकी रहेगी, उतनी ही सुरक्षा बनी रहेगी।’
Pandit Pradeep Mishra Katha in Jaipur : मध्य प्रदेश के सीहोर वाले कथावाचक प्रदीप मिश्रा लड़कियों की नाभि पर बयान देकर एक बार फिर फंसते नजर आ रहे हैं। कथावाचक के नाभि पर दिए बयान पर सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हो गई है। इस दौरान कोई कथा वाचक का सपोर्ट कर रहा है, वहीं कुछ लोग इनके बयान पर आपत्ति जता रहा है।
दरअसल, प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की इस समय जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में शिव महापुराण की कथा चल रही है। कथा के दूसरे दिन शुक्रवार को कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने लड़कियों की नाभि की तुलना तुलसी के जड़ से कर दी। इस दौरान उन्होंने युवाओं को भी जमकर खरी-खोटी सुनाई।
लड़कियों की नाभि की तुलना तुलसी की जड़ से
प्रदीप मिश्रा ने अपने कथा के दौरान कहा कि ‘जिस तरह से तुलसी की जड़ बाहर दिखने पर सूख जाती है, उसी तरह से लड़कियों की नाभि उनकी जड़ है और यह जितनी ढकी रहेगी, उतनी ही सुरक्षा बनी रहेगी।’ इस दौरान उन्होंने लड़कियों को लेकर बढ़ रहे अपराध का ठीकरा भी पहनावे पर फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि समाज में पहनावे की वजह से ही अपराध बढ़ रहा है, इसे पुलिस और सरकार नहीं रोक सकती है। कथावाचक ने कहा कि अपराध को सिर्फ संस्कार ही रोक सकते हैं।
बच्चों को मोबाइल बना रहा ‘जवान’
कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हमारे धर्म में मनुष्य की चार अवस्थाए हैं, लेकिन अब सिर्फ दो ही बची हैं एक बचपन और दूसरा बुढ़ापा। प्रदीप मिश्रा ने कहा कि आज के समय में मोबाइल फोन ने बच्चों को पहले ही जवान बना दिया है।
कथावाचक की इन टिप्पणियों पर सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है। एक यूजर ने लिखा कि ‘कथावाचकों की नजर अब कथा से अधिक लड़कियों की नाभि पर है।’
पंडाल में भारी भीड़, घर से कथा सुनने की अपील
जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में चल रही प्रदीप मिश्रा की कथा में क्षमता से अधिक भीड़ इकट्ठा हो रही है। ऐसे में आयोजन समित ने श्रद्धालुओं से घर में रहकर कथा सुनने की अपील की है। आयोजन समिति ने कहा कि 7 मई तक कथा का आनन्द घर पर ही रहकर लें, जिससे कथा पंडाल में किसी तरह की अनहोनी से बचा जा सके।