एडीजी वी.के. सिंह ने बताया कि चांसलर सुकेश व रजिस्ट्रार नंदन उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद निवासी हैं। जबकि दलाल अजय भारद्वाज मूलत: जयपुर में ब्रह्मपुरी व हाल गांधीपथ स्थित लालरपुरा निवासी है। इस मामले में तीनों आरोपियों सहित अब तक 16 को गिरफ्तार किया जा चुका है।
चांसलर सुकेश वर्तमान में राजकीय कॉलेज आगरा में प्रिंसिपल है। चांसलर विदेश भागने की फिराक में था, जिसे दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ा। आरोपियों ने जेएस यूनिवर्सिटी की बीपीएड कोर्स की फर्जी डिग्री बैक डेट में बांटी। आरोपी सुकेश ने जेएस यूनिवर्सिटी अपने पिता जगदीश सिंह के नाम से रखा है। जबकि दलाल अजय एकलव्य ट्राइबल यूनिवर्सिटी (पूर्व सुधासागर विश्वविद्यालय), डूंगरपुर व अनंत इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, मेघालय स्थापित करने जा रहा है। आरोपियों ने अयोग्य अभ्यर्थियों को पैसे लेकर डिग्री जारी की। आरोपी 12 मार्च तक एसओजी की रिमांड पर हैं।
5390 अभ्यर्थियों में से 254 ने जेएस की डिग्री भरी
डीआइजी परिस देशमुख ने बताया कि शारीरिक शिक्षक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 की 5390 अभ्यर्थियों की सूची में से 254 ने फॉर्म भरते समय स्वयं को जेएस विश्वविद्यालय शिकोहाबाद का छात्र होना बताया था। इनमें 108 अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन के समय विश्वविद्यालय का नाम, रोल नंबर व भर्ती वर्ष में मिसमैच पाया गया। इनमें भी 29 अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने आवेदन के समय जेएस यूनिवर्सिटी से भिन्न विश्वविद्यालय का उल्लेख किया। जेएस यूनिवर्सिटी के चयनित अभ्यर्थियों में से 107 ने वर्ष 2022 में स्वयं को उत्तीर्ण होना बताया था। जबकि यूनिवर्सिटी को शिक्षा सत्र के लिए 100 सीटों की ही मान्यता थी। सभी 107 अभ्यर्थी राजस्थान के निवासी थे।
2067 ने विद्यार्थी होना या डिग्री प्राप्त होना बताया
वी.के. सिंह ने बताया कि शारीरिक शिक्षक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 के डेटा का विश्लेषण किया। इसमें स्पष्ट हुआ कि 2067 अभ्यर्थियों ने परीक्षा का फॉर्म भरते समय जेएस यूनिवर्सिटी का विद्यार्थी होना या डिग्री प्राप्त होने की जानकारी दी थी। परीक्षा में चयन होने वाले अभ्यर्थियों में सुमन भारी ने परीक्षा में आवेदन करते समय जेएस यूनिवर्सिटी में बीपीएड कोर्स में शिक्षा सत्र 2020-22 में अध्ययनरत होना बताया, जबकि चयन होने के बाद सत्र 2017-19 की डिग्री हासिल की। सुमन ने पति मंदीप व दलाल के जरिये यह डिग्री हासिल कर नौकरी पा ली। आरोपी मंदीप शिक्षा विभाग में यूडीसी है। फिलहाल वह न्यायिक अभिरक्षा में है।