इस मुलाकात के बाद चर्चा इस बात की है कि मदन राठौड़ की नई टीम में कौन से चेहरे शामिल होंगे और कौन बाहर होगा? माना जा रहा है कि भाजपा की नई प्रदेश कार्यकारिणी का अप्रैल 2025 में ऐलान हो सकता है। नई टीम में 50 फीसदी से ज्यादा पुराने नेता बाहर होंगे और अधिकतर नए चेहरों को मौका मिलेगा।
पुरानी टीम से कौन हो सकते हैं बाहर?
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की नई टीम में कई मौजूदा नेताओं को जगह मिलने की संभावना कम है। इनमें प्रदेश उपाध्यक्ष के लिए, चुन्नीलाल गरासिया (अब राज्यसभा सांसद) और सी.आर. चौधरी (किसान आयोग के अध्यक्ष), वहीं, प्रदेश महामंत्री के लिए दामोदर अग्रवाल (भीलवाड़ा से सांसद) और ओमप्रकाश भड़ाना (देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष) का बाहर होना तय माना जा रहा है। वहीं, श्रवण सिंह बगड़ी और संतोष अहलावत को कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है। इसके अलावा नारायण पंचारिया को भी नई जिम्मेदारी मिलने की संभावना जताई जा रही है। वहीं, भाजपा सूत्रों के मुताबिक वर्तमान उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच को किसी बोर्ड या आयोग में सदस्य बनाया जा सकता है। इसके अलावा 13 प्रदेश मंत्रियों में से भी अधिकतर को नई टीम में जगह नहीं मिलेगी।
पुरानी टीम से कौन रह सकते हैं बरकरार?
मदन राठौड़ ने एक बयान में स्पष्ट किया है कि कुछ अनुभवी नेताओं को भी टीम में बनाए रखा जाएगा। इन नेताओं की परफॉर्मेंस और समीकरण को देखते हुए उन्हें नई कार्यकारिणी में बरकरार रखा जा सकता है। इनमें से प्रमुख नाम सरदार अजयपाल सिंह (प्रदेश उपाध्यक्ष), बाबा बालकनाथ (प्रदेश उपाध्यक्ष), प्रभुलाल सैनी (प्रदेश उपाध्यक्ष), ज्योति मिर्धा (प्रदेश उपाध्यक्ष) और जितेंद्र गोठवाल (प्रदेश महामंत्री) हैं। वहीं, ये भी जानकारी मिल रही है कि वर्तमान में कुछ मौजूदा नेताओं को संगठन में उच्च पद मिल सकता है। इनमें सबसे प्रमुख नाम मोतीलाल मीणा का है, इन्हें फिर से प्रदेश महामंत्री बनाया जा सकता है। वे पहले भी इस पद पर रह चुके हैं और संगठन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। कुछ मौजूदा प्रदेश मंत्री प्रदेश उपाध्यक्ष बन सकते हैं।
नई टीम में कौन होंगे नए चेहरे?
बीजेपी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मदन राठौड़ की नई टीम में कई नए चेहरे नजर आ सकते हैं। इन नामों पर पार्टी में चर्चा हो रही है, इनमें प्रमुख संभावित नए चेहरे- हरिराम रणवा (शेखावाटी अंचल से) जो पहले किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं और संगठन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। सुशील कटारा (आदिवासी अंचल से) जो डूंगरपुर-बांसवाड़ा क्षेत्र से आते हैं और पूर्व में राज्यमंत्री रह चुके हैं। महिला चेहरे के रूप में अपूर्वा सिंह और मधु कुमावत का नाम शामिल है।
गौरतलब है कि राजस्थान में 2028 में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं, मदन राठौड़ का कार्यकाल भी फरवरी 2028 तक रहेगा। ऐसे में उनकी नई टीम क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी। वहीं, ज़िलों और मंडलों तक मजबूत नेटवर्क तैयार करना प्राथमिकता में है। इस बार युवा नेताओं को भी महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त करने की संभावना जताई जा रही है। साथ ही पार्टी का आदिवासी और दलित समाज पर भी विशेष फोकस रहेगा।