नहीं थम रहीं खौफनाक वारदातें
यह कोई अकेला मामला नहीं है। बीते पांच महीनों में राजस्थान में 20 से अधिक बच्चों की हत्या उनके माता-पिता या रिश्तेदारों द्वारा की गई है। इनमें से कई मामले पति-पत्नी के झगड़ों, अवैध संबंधों, गुस्से, मानसिक तनाव और अंधविश्वास से जुड़े हैं। तिजारा की यह घटना दिखाती है कि अब अंधविश्वास भी बच्चों के जीवन पर खतरा बनता जा रहा है।डराने वाली हकीकत, चौंकाने वाले केस
17 जुलाई, डूंगरपुर: पति से विवाद के बाद एक महिला ने अपने दो बच्चों को कुएं में फेंककर मार डाला। छह साल की बच्ची भागने में सफल रही।26 जून, दौसा: गुस्से में पिता ने अपनी छह महीने की बेटी की हत्या कर दी।
23 जून, धौलपुर: दूसरी शादी से नाराज मामा ने 11 महीने के भांजे और उसकी मां को मार डाला।
16 मई, चूरू: पत्नी से नाराज पति ने तीन बच्चों और पत्नी की हत्या कर दी।
29 मई, अजमेर: लिव-इन की चाह में मां ने प्रेमी के साथ मिलकर चार साल की बेटी को मारकर शव अलमारी में छिपाया।
14 अप्रैल, झुंझुनूं: माता-पिता ने तीन बच्चों को जहर देकर गला काटा और खुदकुशी की कोशिश की।
27 मार्च, सीकर: पत्नी से झगड़े के बाद पिता ने पांच महीने की जुड़वां बेटियों को मारकर मिट्टी में दबा दिया।
22 जनवरी, बीकानेर: माता-पिता ने छह महीने की बच्ची को नहर में फेंककर मार डाला।
21 जनवरी, कोटा: सौतेला पिता बच्ची के रोने से नाराज होकर उसे दीवार पर पटककर मार डाला।