बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण में चौंकाने वाले आंकड़े (प्रतीकात्मक फोटो)
Bihar Elections: चुनाव आयोग ने बुधवार को बताया कि बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है, जिसके तहत 98.01% मतदाताओं को कवर कर लिया गया है। इस अभियान का उद्देश्य योग्य मतदाता को सूची से बाहर न रहने देना और अयोग्य व्यक्ति को सूची में शामिल न होने देना है।
आयोग के मुताबिक अब तक की जांच में 20 लाख मृतक मतदाता, 28 लाख स्थायी रूप से पलायन करने वाले मतदाता, 7 लाख ऐसे मतदाता जो एक से अधिक जगह नामांकित हैं। 1 लाख मतदाता जिनका पता नहीं चल पाया है। वहीं, 15 लाख मतदाताओं ने अब तक फॉर्म वापस नहीं किए हैं। अब तक 7.17 करोड़ (90.89%) मतदाता फॉर्म प्राप्त और डिजिटाइज किए जा चुके हैं।
Special Intensive Revision (SIR) exercise of voter list in Bihar | Facts revealed till 23rd July – 98.01% electors have been covered. 20 lakh deceased electors reported. 28 lakh permanently migrated electors reported. 7 lakh electors found enrolled at more than one place. 1 lakh… pic.twitter.com/Cj5ccaZeb2
पहले चरण के अंत में 1 अगस्त 2025 को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। यदि ड्राफ्ट सूची में कोई त्रुटि होती है, तो कोई भी मतदाता या राजनीतिक दल 1 सितंबर 2025 तक आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। इसी तरह, यदि कोई पात्र व्यक्ति अपना नाम सूची में नहीं पाता है, तो वह 1 सितंबर तक दावा प्रस्तुत कर सकता है।
प्रवासी मतदाताओं के लिए सुविधाएं
जो बिहार के मतदाता फिलहाल राज्य से बाहर हैं और कहीं और पंजीकृत नहीं हैं, वे ऑनलाइन या ECINet मोबाइल ऐप पर फॉर्म भर सकते हैं। इसके अलावा, वे प्रिंटेड फॉर्म भरकर परिवार के सदस्य के माध्यम से या व्हाट्सएप पर बीएलओ को भेज सकते हैं।
बीएलए के साथ साझा हुई सूची
20 जुलाई को, सभी प्रमुख 12 राजनीतिक दलों के 1.5 लाख बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) के साथ उन मतदाताओं की सूची साझा की गई, जो गलती से सूची में शामिल हुए हैं या जिन्होंने अब तक एनुमरेशन फॉर्म जमा नहीं किया है।
नाम की पुष्टि कैसे करें
जिन मतदाताओं ने फॉर्म जमा कर दिया है, उनके नाम ड्राफ्ट सूची में शामिल किए जाएंगे। मतदाता अपने फॉर्म की स्थिति https://electors.eci.gov.in/home/enumFormTrack# पर चेक कर सकते हैं। आयोग ने ऐसे सभी मतदाताओं को, जिन्होंने अपने फॉर्म में मोबाइल नंबर दिया है, एसएमएस भी भेजा है।
यह प्रक्रिया आगामी विधानसभा चुनाव और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। आयोग का लक्ष्य है कि कोई भी पात्र मतदाता मतदान के अधिकार से वंचित न रहे।
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