जूली और डोटासरा ने विधानसभा के बाहर पत्रकारों से कहा कि भाजपा विधायक को हाईकोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है। कानून कहता है कि यदि लोकसभा या विधानसभा के निर्वाचित सदस्य को कोर्ट ने दो वर्ष से अधिक की सजा सुनाई है तो उसकी सदस्यता तुरंत समाप्त कर दी जाती है। 1 मई को हाईकोर्ट का फैसला आया था। पहले विधानसभा सचिव ने कहा कि सर्टिफाइड कॉपी चाहिए। हमने विधानसभा सचिव को सर्टिफाइड कॉपी भी दे दी है।
4 सप्ताह बाद होगी सुनवाई
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 वर्ष पहले उपखंड अधिकारी को जान से मारने की धमकी देने के मामले में अंता से भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा को सोमवार को अंतरिम राहत दी। हाईकोर्ट ने बीते सप्ताह कंवरलाल मीणा को तत्काल सरेंडर करने का आदेश दिया, जिसकी पालना पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। अब चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी।
मीणा को बचाने का प्रयास हो रहा
डोटासरा ने आरोप लगाया कि मीणा को बचाने का प्रयास हो रहा है, लेकिन ऐसा नहीं चलेगा। कानून में सबके साथ समान व्यवहार होना चाहिए। स्वत: संज्ञान का मामला
जूली ने कहा कि यह स्वत: संज्ञान का मामला है। विधानसभा अध्यक्ष को आगे होकर कार्रवाई करनी चाहिए थी। यदि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलती है तो हम भी कहेंगे कि कंवरलाल मीणा की सदस्यता को फिर से बहाल किया जाए, लेकिन अभी वह अपराधी है तो सदस्यता तुरंत रद्द करनी चाहिए।