कोटपूतली आगार की 22 बसें
कोटपूतली आगार की 22 बसें है और इतने ही मिस्त्री है। इसलिए एक मिस्त्री एक बस का प्रभारी रहेगा। जो आसानी से एक बस की देखरेख कर सकेगा। इसके अलावा अनुबंध की 35 बसें है। अभियान के तहत प्रत्येक बस के चालक को फाटक पर वाहन रखरखाव प्रभारी का नाम और मोबाइल नंबर अंकित करना होगा। वाहनों की स्थिति में सुधार के लिए कार्यों की जवाबदेही पूर्णत: संबंधित प्रभारी एवं पर्यवेक्षक की होगी। कोटपूतली आगार में 6 लिपिक है। जो पर्यवेक्षक के रूप में कार्य करेंगे। प्रत्येक लिपिक के पास तीन-तीन बसों की जिम्मेदारी रहेगी।प्रबंधक संचालन को करनी होगी मॉनिटरिंग
प्रबंधक (संचालन) को अभियान की नियमित मॉनिटरिंग करनी होगी। यही नहीं वाहन को सुधारने से पहले और सुधारने के बाद की फोटोग्राफी सुरक्षित रखनी होगी। मुख्य प्रबंधक हर 15 दिन में अभियान की रिपोर्ट मुख्यालय भेजेंगे। बस दूसरे डिपो को भेजी जाती है तो नए आगार की ओर से प्रभारी और पर्यवेक्षक की पुन: नियुक्ति की जाएगी। डिपो में कार्यरत मैकेनिकों को बसों का आवंटन कर उन्हें प्रभारी नियुक्त किया गया है। इसमें हर प्रभारी को एक-एक बस की जिम्मेदारी दी गई।कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा को राजस्थान हाईकोर्ट से मिली राहत, जानिए क्या था पूरा मामला
इनका कहना है…
अभियान के तहत प्रभारी व पर्यवेक्षकों को बसों की देखरेख करनी होगी। इसमें मैकेनिक, वाहन प्रभारी और सबसे ऊपर पर्यवेक्षक बनाए गए हैं। बसों के रखरखाव की जिम्मेदारी इनकी रहेगी।-बलवंत सैनी, प्रबंधक संचालन, रोडवेज आगार कोटपूतली