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IAS, IPS, RAS 11 भाई-बहनों की सक्सेस स्टोरी, जिनमें 9 हैं महिला अफसर

NATIONAL SIBLINGS DAY 2025: IAS-IPS बनीं बहनों की कहानी: दौसा की बेटियों से लेकर झुंझुनूं के बेटों तक राजस्थान की वो अफसर सिबलिंग्स, जिनकी कहानियां बनीं मिसाल

जयपुरApr 10, 2025 / 09:07 am

JAYANT SHARMA

Rajasthan Siblings Officers Success Story: वर्ल्ड सिबलिंग डे पर जानिए राजस्थान के ऐसे भाई.बहनों की कहानी जिन्होंने प्रशानिक सेवाओं में झंडे गाड़ दिए। कोई कलक्टर बना तो कोई एसपी और कोई अन्य प्रशासनिक अधिकारी। हनुमानगढ़ जिले में तो जो हुआ वह किसी शहर में नहीं हुआ। वहां एक के बाद एक सभी पांच बहनें प्रशासनिक अफसर बन गई। जानें कैसे बनी सफलता की मिसाल।

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वर्ल्ड सिबलिंग डे के खास मौके पर हम आपको मिलवा रहे हैं राजस्थान के ऐसे भाई.बहनों से, जिन्होंने न सिर्फ यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा एक साथ पास की, बल्कि अपने परिवार और राज्य का नाम रोशन किया। सबसे बड़ी बात ये है कि इन 11 भाई-बहन में नौ अधिकारी महिलाएं हैं। यानी नौ अधिकारी बहनें हैं।
पंकज और अमित कुमावत, दर्जी के बेटे बने अफसर
राजस्थान राज्य के झुंझुनूं जिले से आने वाले पंकज कुमावत और अमित कुमावत ने 2019 में एक साथ यूपीएससी परीक्षा पास कर अपने पिता का सपना पूरा किया। उनके पिता एक दर्जी थे, जो कपड़े सिलकर अपने बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाते थे। पंकज को 423वीं और अमित को 424वीं रैंक मिली। बिना किसी कोचिंग के दोनों भाइयों ने घर पर रहकर सेल्फ स्टडी की और कड़ी मेहनत के दम पर आईएएस और आईपीएस बने। इससे पहले 2018 में भी उन्होंने परीक्षा दी थी और तब भी रैंक लाकर दिखाई थी। लेकिन 2019 में उन्होंने अपने सपने को हकीकत में बदल दिया।
अंजली और अनामिका मीणा, दोनों बेटियां बनीं अफसर
दूसरी प्रेरणादायक कहानी है दौसा जिले की दो बहनों अंजली मीणा और अनामिका मीणा की। इनके पिता रमेश चंद्र मीणा खुद एक आईएएस अधिकारी हैं और तमिलनाडु कैडर में तैनात हैं। साल 2019 में दोनों बहनों ने एक साथ यूपीएससी परीक्षा पास की। अनामिका को 116वीं रैंक और अंजली को 494वीं रैंक मिली। दोनों ने अपने पिता की राह पर चलते हुए यूपीएससी की तैयारी की और एक ही साल में सफलता हासिल की। इनकी सफलता इस बात का सबूत है कि सही दिशा, मेहनत और परिवार का साथ हो तो कोई भी मुकाम दूर नहीं।
तीसरी कहानी पांच बहनों की, जो गांव में रहते बनती चली गई अफसर
तीसरी कहानी हनुमानगढ़ में रहने वाली पांच बहनों की है। छोटे से गांव में रहने वाली पांच बहनों ने एक के बाद एक सफलता हासिल की और अफसर बनती चली गई। पांचों बहनों ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा में भाग्य अजमाया। मेहनत इतनी की कि सफलता खुद आती चली गई। सबसे बड़ी बात ये है कि पिता किसान हैं और सिर्फ आठ क्लास तक पढ़ें हुए हैं, लेकिन बेटियों को अफसर बनाने में पिता ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। पांचों बहनें भैरूसरी गांव की रहने वाली हैं और उनके पिता सहदेव शरण किसान हैं। बेटियों में रोमा, मंजू, अंशु, रितु और सुमन शामिल हैं। सबसे पहले सबसे बड़ी बहन अधिकारी बनीं और बाद में वे सभी को गाइड करती चली गई।
टीना और रिया डाबी, बहनों की सबसे चर्चित जोड़ी
अब बात करते हैं आईएएस अधिकारियों में बहनों की सबसे चर्चित जोड़ी की। हांलाकि परिवार की जड़ें राजस्थान से जुड़ी नहीं हैं लेकिन दोनों बहनों को राजस्थान कैडर मिला हैं। पहले बड़ी बहन ने साल 2016 में यूपीएससी टॉप किया और फिर छोटी बहन रिया को भी अपने नक्शे कदम पर चलाया। उन्होंने भी झंडे गाड़े और आज दोनों राजस्थान में आईएएस अधिकारी हैं।

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