वित्त विभाग की ओर से योजना में किए गए बदलावों के संबंध में सोमवार को आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग में यह जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि लापरवाही बरतने के कारण कई पेंशनर के आरजीएचएस कार्ड और ओटीपी का दुरूपयोग हुआ। इस कारण अत्यधिक संख्या में दावे प्रस्तुत कर दिए गए।
शासन सचिव वित्त व्यय नवीन जैन ने बताया कि इनमें कई अस्पतालों तथा दवा की दुकानों द्वारा समय-समय पर सुविधाओं को दिए बिना ही फोन पर ओटीपी प्राप्त कर भारी भुगतान ले लिया गया जिसकी वसूली की कार्यवाही अब की जा रही है।
‘पेंशनर भी कर रहे दुरूपयोग’
जैन ने बताया कि कुछ पेंशनर्स द्वारा भी आरजीएचएस योजना के कैशलेस होने का गलत फायदा उठाते हुए पात्रों के अतिरिक्त अन्य लोगों के लिए इलाज व दवाईयां प्राप्त करने का प्रयास किया गया। वर्ष के अंत के समय ओपीडी पर्चियां तैयार कर महंगी दवाईयां और इंजेक्शन प्राप्त किए गए। इसके लिए आवश्यक मेडिकल जांचें भी रेकॉर्ड में नहीं पाई गईं और न ही लाभार्थी की केस हिस्ट्री इसको प्रमाणित कर रही थी।
दवा या इलाज नहीं मिलने पर 181 नंबर पर दें सूचना
जैन ने बताया कि यदि कोई अनुमोदित अस्पताल या फार्मेसी की दुकान पेंशनर्स या उनके परिजनों को इलाज और दवाईयां देने से इनकार करते हैं तो इनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। ऐसी शिकायत तत्काल हेल्पलाइन 181 पर दर्ज कराएं। यदि सब पेंशनर्स मिलकर नियमानुसार आरजीएचएस योजना का लाभ लेंगे तो निश्चित रूप से सुविधाएं और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।