इस चरण में उन निवेशकों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्होंने राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2024 के तहत 30 अप्रेल तक राज्य सरकार के साथ एमओयू किए हैं। ऐसे निवेशकों को चिन्हित 98 औद्योगिक क्षेत्रों में आरक्षित मूल्य पर भूखण्ड आवंटित किए जाएंगे।
इस योजना में आवेदन के साथ भूखण्ड की कुल देय प्रीमियम राशि का 5% अमानत राशि (EMD) के रूप में ऑनलाइन जमा कराना अनिवार्य है। आवेदन की अंतिम तिथि 28 मई रखी गई है, जबकि ई-लॉटरी 5 जून 2025 को आयोजित की जाएगी।
योजना के प्रथम चरण की सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राइजिंग राजस्थान इंपेक्ट 1.0 के अवसर पर घोषणा की थी कि 30 अप्रैल 2025 तक जिन निवेशकों ने राज्य सरकार के साथ एमओयू किया है, वे भी इस योजना के लाभार्थी होंगे। इस घोषणा के बाद मार्च से अप्रेल 2025 के बीच 1578 नए एमओयू निष्पादित हुए, जो इस योजना के प्रति निवेशकों के उत्साह को दर्शाता है।
प्रथम चरण में, रीको ने 98 औद्योगिक क्षेत्रों (86 मौजूदा एवं 12 नए) में भूखण्डों की पेशकश की थी। इस चरण में करीब 350 करोड़ रुपए के 98 भूखण्डों के लिए ऑफर लेटर जारी किए गए हैं और आवंटन प्रक्रिया प्रगति पर है।
रीको की प्रबंध निदेशक शिवांगी स्वर्णकार ने बताया कि योजना का उद्देश्य राज्य में अधिक से अधिक उद्योगों की स्थापना कर स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देना है। आवंटित भूखण्डों पर निर्धारित समय में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करना अनिवार्य होगा – गैर-पर्यावरण स्वीकृति वाले प्रोजेक्ट के लिए 2 वर्ष एवं पर्यावरण स्वीकृति वाले प्रोजेक्ट के लिए 3 वर्ष का समय निर्धारित है।
योजना की शर्तों के अनुसार, भूखण्ड का उपविभाजन या हस्तांतरण अनुमन्य नहीं होगा। आवंटन के बाद यदि भूखण्ड रीको को लौटाया जाता है तो प्रीमियम की 5% राशि की कटौती की जाएगी। निरस्तीकरण की स्थिति में 10% कटौती की जाएगी।
इच्छुक निवेशकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि आवेदन वही कंपनी या व्यक्ति करे, जिसने एमओयू निष्पादित किया है। अधिक जानकारी के लिए निवेशक रीको की वेबसाइट riico.rajasthan.gov.in या DirectLandPortal पर विज़िट कर सकते हैं।
यह योजना राजस्थान को औद्योगिक रूप से और अधिक समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।