विधानसभा में जयपुर के ट्रैफिक की गूंज, भिड़े दो पूर्व UDH मंत्री, धारीवाल बोले- अनजान हाथों में काम, सत्यानाश होना तय
Rajasthan Assembly Budget Session 2025: राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को शहरी विकास (UDH) और स्वास्थ्य विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान जोरदार बहस देखने को मिली।
Rajasthan Assembly Budget Session 2025: राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को शहरी विकास (UDH) और स्वास्थ्य विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान जोरदार बहस देखने को मिली। पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा और पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी पर जमकर निशाना साधा। बता दें, शांति धारीवाल ने भजनलाल सरकार की वर्तमान नीतियों और फैसलों पर सवाल उठाए। वहीं, श्रीचंद कृपलानी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए धारीवाल पर पलटवार किया।
विधानसभा में चर्चा के दौरान शांति धारीवाल ने वर्तमान सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि UDH एक टेक्निकल डिपार्टमेंट है, लेकिन जब काम अनजान हाथों में चला जाता है, तो सत्यानाश होना तय है। यहां भी वही हो रहा है। हर बार जांच की बात होती है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलता।
धारीवाल ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन सरकार के पास शहरी विकास की कोई ठोस योजना नहीं है। उन्होंने JDA की सुस्त कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि सवा साल में सिर्फ 627 प्लॉट निकाले गए, जबकि लाखों आवेदन लंबित पड़े हैं।
भ्रष्टाचार के आरोपों पर धारीवाल का पलटवार
पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने धारीवाल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, जिस पर धारीवाल भड़क उठे। उन्होंने कहा कि अगर भ्रष्टाचार हुआ है तो लिखित में दो, मुझे नोटिस दो और आ जाओ मैदान में। सिर्फ बातें करने से कुछ नहीं होगा।
उन्होंने हाउसिंग बोर्ड में सरकार की नाकामी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि हमारे कार्यकाल में हाउसिंग बोर्ड का रेवेन्यू 7,000 करोड़ था, जिसे मौजूदा सरकार ने घटाकर 2,500 करोड़ कर दिया है। सवा साल में कोई नया प्रोजेक्ट नहीं बना, सिर्फ नाम बदलने में सरकार को मास्टरी हासिल है।
‘सरकार एक भी जांच पूरी नहीं कर पाई’
धारीवाल ने कांग्रेस शासनकाल में शहरी विकास की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि हमने 13 लाख पट्टे बांटे और लोगों को मालिकाना हक दिया। लेकिन सरकार सिर्फ जांच करने की बात करती है, एक भी जांच पूरी नहीं कर पाई। इस पर UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि कांग्रेस सरकार में 10,000 वर्ग मीटर तक के अतिक्रमण के पट्टे दिए गए, जो किसी आम आदमी के लिए संभव नहीं है। जवाब में धारीवाल ने पलटवार करते हुए कहा आप जांच क्यों नहीं करवाते? आपको जांच करने से कौन रोक रहा है?
जयपुर की ट्रैफिक समस्या पर घमासान
शांति धारीवाल ने जयपुर और कोटा के शहरी विकास की तुलना करते हुए कहा कि हमने कोटा को ट्रैफिक सिग्नल फ्री बना दिया, लेकिन जयपुर में B2 बायपास समेत पूरे शहर में दिनभर जाम की स्थिति रहती है। उन्होंने मास्टर प्लान की धीमी प्रगति पर भी सवाल उठाए और कहा कि हमने 180 नगर निकायों का मास्टर प्लान तैयार कर नोटिफाई किया, 21 नई नगर पालिकाएं बनाई, 27 बड़े शहरों का जोनल प्लान बनाया, लेकिन मौजूदा सरकार ने सवा साल में कुछ नहीं किया।
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योजनाओं का नाम बदलने का आरोप
वहीं, धारीवाल ने सरकार पर योजनाओं का नाम बदलने और बजट में कटौती का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी योजना के लिए हमने 550 करोड़ रुपये का बजट रखा था, जिसे मौजूदा सरकार ने काटकर 200 करोड़ कर दिया। योजनाओं का नाम बदलना ही सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
चंबल रिवर फ्रंट पर भी तीखी बहस
इसके अलावा शांति धारीवाल ने कोटा के चंबल रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय धरोहर बताते हुए सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि अगर इसमें भ्रष्टाचार हुआ है तो शिकायत करो, जांच करो। एनजीटी की अनुमति और जांच रिपोर्ट में इसे बेहतरीन प्रोजेक्ट बताया गया है। फिर भी सरकार इसे ठप करने पर तुली है।