Rajasthan AssemblyBudget Session 2025: राजस्थान विधानसभा में बुधवार को स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना और उदयपुर संभाग की नदियों के संरक्षण को लेकर जोरदार बहस हुई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। स्कॉलरशिप भुगतान में देरी को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा।
दरअसल, विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर आरोप लगाया कि समय पर स्कॉलरशिप नहीं मिलने के कारण कई छात्रों को भीख मांगने की नौबत आ गई। इस पर उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने पलटवार करते हुए कहा कि सरकार ने समय पर भुगतान किया है, जबकि कांग्रेस सरकार ने इस योजना के लिए कोई ठोस नीति ही नहीं बनाई थी। हमने तो इस योजना को अच्छा बनाया है।
योजना के नाम बदलने पर उठे सवाल
कांग्रेस विधायक रफीक खान ने सरकार से पूछा कि राजीव गांधी एक्सीलेंस स्कॉलरशिप योजना का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप क्यों कर दिया गया? इस पर डिप्टी सीएम बैरवा ने जवाब दिया कि स्वामी विवेकानंद युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं और उनका नाम रखने से छात्रों को प्रेरणा मिलेगी।
डिप्टी सीएम बैरवा ने बताया कि 2024-25 में 365 छात्रों को इस योजना का लाभ दिया गया, जिसमें 308 छात्र विदेश में और 57 छात्र देश में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
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सदन में मंत्री से नदी संरक्षण पर सवाल
इस दौरान विधानसभा में उदयपुर संभाग की नदियों के संरक्षण का मुद्दा भी उठा। विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने सवाल किया कि गोमती, बेड़च, गंभीरी, आहड़, सोम और जाखम नदी के संरक्षण के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है? इस पर जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने जवाब दिया कि राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत काम किए जा रहे हैं और वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार आगे भी कार्य होंगे।
लेकिन नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि मंत्री ने केवल बजट घोषणाएं पढ़ दीं, लेकिन ठोस जवाब नहीं दिया। इस पर मंत्री सुरेश रावत ने कहा कि विपक्ष अनावश्यक विवाद खड़ा कर रहा है और सरकार जो वादा कर रही है, वह पूरा करेगी।