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जयपुर

आपकी बात… हरित ऊर्जा, प्रदूषण नियंत्रण और सतत विकास की ओर कदम

पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं। हरित ऊर्जा के संभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां हरित ऊर्जा कॉरिडोर बनाए जाने चाहिए।

जयपुरDec 11, 2024 / 12:20 pm

Hemant Pandey

वर्तमान में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए हरित ऊर्जा की अत्यधिक आवश्यकता है। इसके लिए सरकार को जमीनी स्तर पर ठोस रोडमैप तैयार करना चाहिए। साथ ही, जनता को जागरूक करने के लिए कार्यक्रमों के माध्यम से हरित ऊर्जा की उपयोगिता और पर्यावरण संरक्षण में उसकी सार्थकता समझानी होगी। प्रदूषण मुक्त वातावरण के लिए हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना अनिवार्य हो गया है।

वर्तमान में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए हरित ऊर्जा की अत्यधिक आवश्यकता है। इसके लिए सरकार को जमीनी स्तर पर ठोस रोडमैप तैयार करना चाहिए। साथ ही, जनता को जागरूक करने के लिए कार्यक्रमों के माध्यम से हरित ऊर्जा की उपयोगिता और पर्यावरण संरक्षण में उसकी सार्थकता समझानी होगी। प्रदूषण मुक्त वातावरण के लिए हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना अनिवार्य हो गया है।

पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

वर्तमान में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए हरित ऊर्जा की अत्यधिक आवश्यकता है। इसके लिए सरकार को जमीनी स्तर पर ठोस रोडमैप तैयार करना चाहिए। साथ ही, जनता को जागरूक करने के लिए कार्यक्रमों के माध्यम से हरित ऊर्जा की उपयोगिता और पर्यावरण संरक्षण में उसकी सार्थकता समझानी होगी।

हरित ऊर्जा की आवश्यकता


वर्तमान में बढ़ते प्रदूषण और उसके दुष्प्रभावों को देखते हुए हरित ऊर्जा को अपनाना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है। हरित ऊर्जा न केवल पर्यावरण को शुद्ध रखने में मदद करती है, बल्कि यह टिकाऊ विकास का आधार भी है। इसके लिए सरकार को जमीनी स्तर पर ठोस और प्रभावी रोडमैप तैयार करना होगा, जिसमें सौर, पवन और बायोमास ऊर्जा जैसे स्रोतों को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और अभियान चलाए जाने चाहिए, जिनके माध्यम से हरित ऊर्जा की उपयोगिता और पर्यावरण संरक्षण में उसकी सार्थकता समझाई जा सके। प्रदूषण मुक्त वातावरण और ऊर्जा के कुशल प्रबंधन के लिए हरित ऊर्जा का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार अनिवार्य हो गया है।
-महेश आचार्य, नागौर

पीएम सूर्यघर योजना में सुधार

सरकार की ‘पीएम सूर्यघर योजना’ को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। वर्तमान में दी जाने वाली 40% सब्सिडी को बढ़ाकर 70% करना चाहिए। साथ ही, शेष राशि पर ब्याज की दर को न्यूनतम स्तर पर लाना होगा, ताकि आम नागरिक इसका लाभ उठा सकें और हरित ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग हो सके।
-शंकर गिरि, रावतसर, हनुमानगढ़
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हरित क्रांति की आवश्यकता


वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक नई हरित क्रांति की जरूरत है। जिस प्रकार हरित क्रांति ने कृषि उत्पादन में सुधार किया, उसी प्रकार अब प्रदूषण मुक्त वातावरण के लिए हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना अनिवार्य हो गया है।
-लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़
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सोलर रूफटॉप और अन्य प्रयास


सरकार को सोलर पीवी रूफटॉप को बढ़ावा देने के साथ-साथ नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए प्रोत्साहन, कर छूट, अनुदान और कम ब्याज वाले ऋण उपलब्ध कराने चाहिए। पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा, प्राकृतिक खेती, तटीय नौवहन और मैंग्रोव वृक्षारोपण जैसे प्रयास भी मददगार हो सकते हैं।
-शिवजी लाल मीना, जयपुर
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हरित ऊर्जा कॉरिडोर की आवश्यकता


हरित ऊर्जा के संभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां हरित ऊर्जा कॉरिडोर बनाए जाने चाहिए। पहले से स्थापित कॉरिडोर को आधुनिक तकनीकों और उपकरणों से सुसज्जित करना चाहिए, ताकि ऊर्जा का अधिकतम उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके।
-गजेंद्र चौहान, डीग
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इको फ्रेंडली इंजन का उपयोग


वाहनों में इको फ्रेंडली गैस इंजन और बैटरी चालित इंजन का उपयोग बढ़ाना चाहिए। पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता कम कर उद्योग और वाहनों से निकलने वाले धुएं को नियंत्रित करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
-मुकेश सोनी, जयपुर
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हरित ऊर्जा नीति का निर्माण


केंद्र और राज्य सरकारों को अपने क्षेत्र में हरित ऊर्जा के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान करनी चाहिए। साथ ही, इन क्षेत्रों के उत्पादन में वृद्धि के लिए विशेष नीतियां बनाई जानी चाहिए, ताकि पर्यावरण को अधिकतम लाभ मिल सके।
-महेन्द्र कुमार बोस, बाड़मेर
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लोगों को प्रेरित करना आवश्यक


हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार को गांवों और शहरों में कैंप लगाकर लोगों को जागरूक करना चाहिए। सब्सिडी देकर हर घर में सौर ऊर्जा संयंत्र लगवाने की योजना बनानी चाहिए, जिससे न केवल लोग अपनी ऊर्जा जरूरतें पूरी करें, बल्कि अतिरिक्त ऊर्जा को बेचकर आर्थिक लाभ भी उठा सकें।
-अजीतसिंह सिसोदिया, बीकानेर
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नीतिगत सुधार और प्रोत्साहन


सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और बायोमास जैसे स्रोतों पर आधारित परियोजनाओं को वित्तीय सहायता और टैक्स में छूट मिलनी चाहिए। स्मार्ट ग्रिड और ऊर्जा भंडारण प्रणालियों का विकास कर हरित ऊर्जा के कुशल प्रबंधन की दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए।
-अजिता शर्मा, उदयपुर

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