श्यामसुंदर का वर्ष 2019 में निधन हो गया, जबकि भूमि का नामांतरण अभी तक उसके वारिसों के नाम का नहीं किया गया था। गत 10 फरवरी को एक व्यक्ति श्यामसुंदर बनकर आया और 70 बीघा भूमि का बेचाननामा फलोदी हाल मुंबई निवासी प्रेम बोहरा के नाम से पेश किया। दस्तावेज पंजीयनबद्ध हो जाने के एक माह बाद भी दस्तावेज लेने कोई नहीं आया, जिस पर उन्हें संदेह हुआ और जांच पड़ताल की तो जानकारी मिली कि श्यामसुंदर का निधन 2019 में ही हो चुका है। जिसने भूमि का बेचान किया, वह फर्जी व्यक्ति है।
उन्होंने भूमि के असली मालिक श्यामसुंदर के वारिसान को इसकी सूचना दी। शुक्रवार को मृतक श्यामसुंदर के वारिसान तहसीलदार के समक्ष पेश हुए और अपने पिता की भूमि का फर्जी बेचाननामा हो जाने की बात कही। तहसीलदार चारण ने बताया कि उन्होंने रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है और उसके निरस्ती की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि फर्जी बेचानकर्ता के बारे में जानकारी ली जा रही है। पहचान होने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी और वारिसान की ओर से पुलिस में मामला दर्ज करवाया जाएगा।